अमित शाह की क्लास को भाजपा का रिपोर्ट कार्ड तैयार
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के मद्देनजर सरकार के छह माह के कार्यकाल के साथ ही संगठन का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया गया है। शाह की क्लास में इसे प्रस्तुत किया जाएगा।
देहरादून, [विकास धूलिया]: भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दो दिनी दून दौरे की तारीखें ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही हैं, त्रिवेंद्र सरकार के मंत्रियों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है। मिशन 2019 की कड़ी में पार्टी अध्यक्ष इस दौरान सरकार के अब तक के छह माह के कार्यकाल का आंकलन तो करेंगे ही, साथ ही एक-एक मंत्री की परफार्मेंस भी कसौटी पर परखी जाएगी।
खासकर, विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक मंत्री भाजपा के एजेंडे को किस रफ्तार और कुशलता से आगे बढ़ा रहे हैं, इस पर फोकस रहेगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 19 व 20 सितंबर को देहरादून में मैराथन बैठकें करेंगे। लगभग 36 घंटे में शाह की 21 बैठकों का कार्यक्रम अब तक तय है। उत्तराखंड पिछले साढ़े तीन साल के दौरान फिर से भाजपा के मजबूत गढ़ के रूप में उभरा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा काबिज हुई। फिर, इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव में तो भाजपा अप्रत्याशित रूप से प्रचंड बहुमत पाने में कामयाब रही।
70 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा अकेले 57 विधायकों के साथ पहुंची। अब इसी भारी भरकम बहुमत की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का दबाव पार्टी पर सबसे ज्यादा नजर आ रहा है।
अब जबकि भाजपा वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है, भाजपा नेतृत्व पार्टी शासित राज्यों में अपनी मजबूत पकड़ को भविष्य में भी बनाए रखने की रणनीति पर चल रहा है। इसी कड़ी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों देशभर का दौरा कर रहे हैं।
शाह का उत्तराखंड का दौरा इस मायने में अहम है कि यहां पार्टी की सरकार को वजूद में आए ठीक छह महीने हो रहे हैं। एक तरह से भारी जीत के बाद का हनीमून पीरियड अब पार्टी के लिए समाप्त हो चुका है। इन छह महीनों के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा भविष्य के लिए तैयार किया गया रोडमैप काफी कुछ सामने आ चुका है।
भाजपा अध्यक्ष इस रोडमैप का प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामकाज के जरिये आंकलन करेंगे। लिहाजा, मुख्यमंत्री और उनकी टीम के सभी साथी अपने-अपने महकमों की प्रगति की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इनमें मुख्यतया विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति को शामिल किया गया है।
हालांकि अभी मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना तो नहीं है, लेकिन शाह की क्लास इस मायने में कमजोर साबित होने वाले मंत्रियों के लिए भविष्य के दृष्टिकोण से भारी जरूर पड़ सकती है। मंत्रियों द्वारा तैयार रिपोर्ट कार्ड पहले प्रदेश संगठन को सौंपा जाएगा और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष इसे बांचेंगे।
कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक सभी मंत्री अपने आरंभिक छह महीने के कामकाज का ब्योरा तैयार कर रहे हैं। विजन डॉक्यूमेंट के मुताबिक तमाम महकमों में योजनाओं की प्रगति को इसमें शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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