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हरक पर मुकदमा दर्ज होने से भाजपा की रणनीति पर आशंका

डॉ. हरक सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बार भाजपा की बागी विधायकों को चुनाव में आगे करने की रणनीति पर आशंका के बादल मंडराते दिख रहे हैं।

By BhanuEdited By: Updated: Sun, 31 Jul 2016 10:59 AM (IST)
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देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बाद अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ बागी पूर्व विधायकों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात करने की भाजपा की रणनीति पर आशंका के बादल मंडराते दिख रहे हैं।

हालांकि, डॉ. हरक सिंह के बचाव में उतरी भाजपा इस प्रकरण को उनके विरुद्ध राजनीतिक षडयंत्र बता रही है। साथ ही, इससे पार्टी की किसी रणनीति पर असर पड़ने से भी इन्कार कर रही है। भाजपा का कहना है कि खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत भी स्टिंग मामले में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे हैं। लिहाजा, इस प्रकरण में भी कानून अपना काम करेगा।

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गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक रणनीति तैयार की है। कांग्रेस सरकार के कथित घोटालों व भ्रष्टाचार को लेकर 15 अगस्त के बाद प्रदेश भर में पर्दाफाश यात्रा निकालने का भी ऐलान किया है।
इस यात्रा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी, कोश्यारी व निशंक के साथ ही कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा व पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को सौंपने का भी निर्णय किया गया है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपने अभियान में बागी नौ पूर्व विधायकों को आगे करने की रणनीति बनाई है।

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डॉ. हरक सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बार भाजपा की इस रणनीति पर आशंका के बादल मंडराते दिख रहे हैं। हालांकि, प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने इस आशंका से इनकार किया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि हरक सिंह के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में कानून को अपना काम करना है। मुख्यमंत्री हरीश रावत भी स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी संगठन ने डॉ. हरक सिंह को जो भी जिम्मेदारी दी है, उस पर कोई असर पड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब से कांग्रेस के नौ पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं, राज्य सरकार उनके विरुद्ध पुराने मामलों को खोद रही है।
सवाल यह है कि डेढ़ वर्ष पुराने मामला अब क्यों निकलकर सामने आया है। ऐसे में इसे डॉ. हरक सिंह के खिलाफ सियासी षडयंत्र होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि रुड़की के पूर्व विधायक प्रदीप बत्रा के विरुद्ध भी पुराने मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया। कांग्रेस सरकार मनोबल तोडऩे के लिए षडयंत्र के तहत काम कर रही है, मगर इससे उनका मनोबल टूटेगा नहीं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान का कहना है कि हरक सिंह के विरुद्ध पूर्व में भी कई बार ऐसे आरोप लगाए गए। जेनी प्रकरण में सीबीआइ ने उन्हें क्लीन चिट दी, जबकि अन्य मामलों में शिकायत ही वापस ले ली गई।

ऐसे में इस बार भी उनके विरुद्ध कोई राजनीतिक षडयंत्र होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने भी आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार उन नौ पूर्व विधायकों के विरुद्ध झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है, जो कांग्रेस से बगावत करने के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं। प्रदीप बत्रा व रेखा आर्य के पति के विरुद्ध दर्ज मुकदमे इसका उदाहरण हैं।
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