सोशल मीडिया में अजय भट्ट से सवाल पूछना भाजपा कार्यकर्ता को पड़ा भारी
भाजपा कार्यकर्ता सुभाष शर्मा को अपने ही प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से सोशल मीडिया में सवाल पूछना भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। पार्टी ने एक सप्ताह के भीतर उनसे जवाब मांगा है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका के निर्वहन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से सवाल पूछना पार्टी कार्यकर्ता सुभाष शर्मा को भारी पड़ सकता है। प्रदेश अध्यक्ष के नाम सोशल मीडिया में खुला पत्र लिखने के मामले को प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने अनुशासनहीनता मानते हुए सुभाष शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने उनसे एक सप्ताह में जवाब तलब किया है।
दो दिन पूर्व ही भाजपा कार्यकर्ता सुभाष शर्मा ने सोशल मीडिया पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट के नाम एक खुला पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को असंवैधानिक व भ्रष्ट बताते हुए छलबल व न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया।
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साथ ही, इस मामले में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट से कुछ सवाल भी पूछे। उन्होंने लिखा कि 18 मार्च को कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जबकि विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लंबित था। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष व भाजपा के विधायक उन्हीं को स्पीकर मानते रहे।
चार माह से लंबित अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद भाजपा विधायक दल गोविंद सिंह कुंजवाल को स्पीकर के रूप में संबोधित करते रहे और उनकी आज्ञा का पालन भी करते रहे। यह एक अत्यंत दुखदायी स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार विपक्ष के नेता के नाते अजय भट्ट से पूछा कि विनियोग विधेयक 18 मार्च को पास हुआ या 21 जुलाई को। अविश्वास प्रस्ताव लंबित होने के बावजूद स्पीकर विधायकों की सदस्यता खत्म करने का निर्णय किस आधार पर करते रहे।
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गत चार माह से इन मामलों में विपक्ष की कमजोर पैरवी प्रमुख कारण रही या विषय की समझ की कमी। शर्मा के इस खुले पत्र ने प्रदेश भाजपा संगठन भी सकते में है।
प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने बताया कि सोशल मीडिया पर इस तरह का पत्र जारी करना पार्टी अनुशासन के विरुद्ध है। पार्टी ने सुभाष शर्मा से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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