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उत्तराखंड: दल बदल विरोधी कानून के तहत 9 विधायकों को नोटिस

आज हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से निकाल दिया गया है। राज्‍यपाल केके पॉल ने हरक सिंह को मंत्रिमंडल से निकालने की मंजूरी दे दी है। मुख्‍य सचिव शुत्रघ्‍न ने इसके निर्देश दिए हैं। वहीं, कैबिनेट की बैठक में राज्‍य महाधिवक्‍ता यूके उनियाल को हटाने का फैसला लिया गया।

By sunil negiEdited By: Updated: Sat, 19 Mar 2016 06:06 PM (IST)
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देहरादून। आज हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से निकाल दिया गया है। राज्यपाल केके पॉल ने हरक सिंह को मंत्रिमंडल से निकालने की मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव शुत्रघ्न ने इसके निर्देश दिए हैं। वहीं, कैबिनेट की बैठक में राज्य महाधिवक्ता यूके उनियाल को हटाने का फैसला लिया गया। बता दें कि यूके उनियाल बागी विधायक सुबोध उनियाल के भाई हैं। देहरादून में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज दोपहर तीन बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई। बैठक में राज्य महाधिवक्ता यूके उनियाल को हटाने का फैसला लिया गया। बता दें कि यूके उनियाल बागी विधायक सुबोध उनियाल के भाई हैं।

नौ बागी विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत नोटिस भेजा
कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार को बचाने की कौशिश में जुट गए हैं। आज सुबह से मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ मंत्रणा की। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने नौ बागी विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत नोटिस भेजा है। वहीं, हरक सिंह रावत को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया है।
छह और विधायक हो सकते हैं बागी
सूत्रों के अनुसार छह और कांग्रेस विधायक बागी विधायकों में शामिल हो सकते हैं। इससे कुल संख्या 15 हो जाएगी।
सरकार के ऊपर कोई संकट नहीं है: सीएम हरीश रावत
सीएम हरीश ने कहा कि सरकार के ऊपर कोई संकट नहीं है। जो बागी विधायक गलती मान लेगा उसे माफ कर दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पांच बागी विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं। सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि मैं विधान सभा में विश्वासमत में हारा तो दूंगा इस्तीफा। वहीं, सीएम ने आज दोपहर तीन बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है। उधर, शाम करीब साढ़े सात बजे सीएम हरीश रावत राज्यपाल केके पॉल से मिलेंगे।

राज्यपाल से की हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग

उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब 'घर' में ही बगावत के कारण किसी सरकार को सदन के भीतर न सिर्फ मत-विभाजन की सियासी आपदा से दो-चार होना पड़ा है, बल्कि सदन में मतदान के वक्त सत्तापक्ष के नौ विधायक भी विपक्ष के साथ खड़े हो गए। इसके बाद बागी विधायकों व भाजपा विधायकों ने दावा किया की बजट पारित न होने से सरकार अल्पमत में आ गई। ऐसे में राज्यपाल को हरीश रावत सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। गत रात्रि भाजपा विधायकों के साथ ही कांग्रेस के नौ बागी विधायक राज्यपाल केके पॉल से मिले और सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। इसके बाद वे रात में दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां उनकी मुलाकार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से होनी है। साथ ही वे राष्ट्रपति से भी मिल सकते हैं।

पीडीएफ विधायक सीएम हरीश रावत के साथ: नैथानी

पीडीएफ नेता मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि पीडीएफ विधायक हरीश रावत के साथ हैं। वहीं, मुख्यमंत्री हरीश रावत का दावा है कि सदन में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त है। मौका पड़ने पर वे साबित कर देंगे।


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