उत्तराखंड में स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड पर सीएम की मुहर
उत्तराखंड में स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के गठन को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मुहर लगा दी है। बोर्ड में पर्यावरण के साथ ही राज्य के विकास के हित में सोच रखने वाले शामिल होंगे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: 71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के गठन की दिशा में सरकार अब गंभीर हुई है। सात माह से भंग चल रहे बोर्ड का गठन इसी माह करने पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी है। इसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को बोर्ड गठन के मद्देनजर संभावित सदस्यों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। \
दैनिक जागरण ने 26 अगस्त के अंक में वाइल्डलाइफ बोर्ड का गठन न होने से सामने आ रही दिक्कतों पर खबर प्रकाशित की थी। इसका भी वन एवं पर्यावरण मंत्री ने संज्ञान लिया।
वन भूमि हस्तांतरण के साथ ही वन एवं वन्यजीवों से जुड़े मसलों के समाधान में स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की अहम भूमिका होती है। उत्तराखंड के लिहाज से तो यह खासा महत्वपूर्ण है। इस साल फरवरी में बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए बोर्ड का गठन लटकने से जलविद्युत परियोजनाओं, सड़कों समेत अन्य कार्यों के लिए वन भूमि हस्तांतरण के मसले भी लटके हुए थे। वजह यह कि बोर्ड ही इन पर सहमति की मुहर लगाता है।
हालांकि, मार्च में नई सरकार बनने के बाद बोर्ड के जल्द गठन की उम्मीद जगी, लेकिन कसरत हुई जुलाई में। तब बोर्ड के लिए संभावित सदस्यों की सूची मुख्य सचिव को मुहैया कराई गई, मगर इसके विवादों के घेरे में आने से मामला लटक गया।
अब बोर्ड के गठन के सवाल पर सरकार ने गंभीरता दिखाई है। रविवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने वाइल्डलाइफ बोर्ड के गठन समेत अन्य मसलों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मंथन किया। डॉ.रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बोर्ड के जल्द गठन को मंजूरी दे दी है।
इसे देखते हुए बोर्ड के सदस्यों के लिए कसरत तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड में ऐसे लोगों को तवज्जो दी जाएगी, जो पर्यावरण के साथ ही राज्य के विकास के हित में सोच रखते हों। डॉ. रावत के अनुसार कोशिश है कि इस माह के आखिर तक बोर्ड अस्तित्व में आ जाए।
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