उत्तराखंड में बागी MLA हरक सिंह का कार्यालय सील, सरकार पर फैसला 28 को
कांग्रेस के बागी नेता हरक सिंह रावत के दफ्तर को सील कर दिया गया। विधान सभा में उनके दफ्तर से स्टाफ को भी बाहर निकाला गया है। साथ ही मुख्यमंत्री और उनके समर्थकों ने उनके दफ्तर की फाइलें भी जांच की। रावत सरकार के भाग्य का फैसला 28 को होगा।
देहरादून। उत्तराखंड राजनैतिक संकट में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। एक ओर मुख्यमंत्री हरीश रावत गोपनीय तरीके से विधान सभा पहुंचे। उन्होंने बागी हरक सिंह रावत के दफ्तर में रखी फाइलों को खंगाला। वहीं भाजपा भी कहीं से पीछे नहीं रहना चाहती है। आज भाजपा और असंतुष्ट विधायकों ने राज्यपाल फैक्स कर सरकार पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाया। साथ ही होली से पहले बहुमत साबित करने की मांग की। वहीं आज राज्यपाल केके पाल ने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट केंद्र को भेज दी। उधर, दिल्ली में भाजपा विधायक और कांग्रेस के बागी विधायक राष्ट्रपति से शाम 6.45 पर भेंट करेंगे।
उत्तराखंड में रावत सरकार के भाग्य का फैसला 28 को
बगावत के संकट से जूझ रही उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को अब 28 मार्च को बहुमत साबित करना होगा। सचिव विधानसभा की ओर से विधायकों को भेजे गए पत्र में विश्वास मत के लिए 28 मार्च को सुबह 11 बजे सत्र बुलाने की सूचना दी गई है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सियासी आपदा प्रबंधन के तहत सत्तापक्ष के विधायकों को एकजुट रखने के लिए कुमाऊं मंडल के रामनगर व आसपास के क्षेत्रों में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही, बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के विधानसभा स्थित कार्यालय को जरूरी दस्तावेज खंगालने के बाद सील कर दिया गया।
कांग्रेस विधायकों को एक जगह किया शिफ्ट
सरकार विधायकों को बहुमत तक एकांतवास दे रही है ताकि और डैमेज की आशंका टाली जा सके। सरकार प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर सरकार गिराने के लिए हार्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगा रही है। यही कारण है कि कुछ कांग्रेसी विधायकों के साथ ही सरकार के सहयोगी दल प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के विधायकों को भूमिगत कराया जा रहा है, पीडीएफ के यूकेडी विधायक प्रीतम पंवार सल्ट पहुंच चुके हैं। पहले सभी विधायकों के रामनगर और फिर कालाखंडा में रुकने की खबर आ रही थी, मगर सभी विधायक सल्ट के एक होटल में रुके हुए हैं।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से निकाला
शुक्रवार अपराह्न सरकार की ओर से आनन फानन बुलाई गई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से और विधायक सुबोध उनियाल के छोटे भाई महाधिवक्ता यूके उनियाल पर अविश्वास प्रकट करते हुए उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया गया। देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजभवन में राज्यपाल डा. कृष्णकांत पॉल से भेंट कर उन्हें शुक्रवार के पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया।
राज्यपाल ने विधानसभा से सदन की कार्यवाही की सीडी व दस्तावेज मंगाए
सूबे के राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर राजभवन में सुबह से ही राज्यपाल, प्रमुख सचिव न्याय और अपने विधि प्रकोष्ठ के सदस्यों के साथ विधिक स्थिति पर मंथन करते रहे। सदन में हुए घटनाक्रम की वस्तुस्थिति जानने के लिए विधानसभा से सदन की कार्यवाही की सीडी व दस्तावेज मंगाए गए। शाम को उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय देने के निर्देश जारी किए।
सभी नौ विधायकों को नोटिस भेजे गए
विधानसभा अध्यक्ष ने गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने पत्र लिख व्हिप का उल्लंघन होने का उल्लेख करते हुए बागी विधायकों की सदस्यता बर्खास्त करने का अनुरोध किया। सभी नौ विधायकों को नोटिस भेजे गए हैं। विधायकों को नोटिस सर्व हो, इसके लिए ई-मेल करने के साथ ही इन्हें उनके घरों पर भी चस्पा किया जाएगा।
सरकार को कोई खतरा नहीं है
सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। सदन के भीतर सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। बागी विधायकों में से चार-पांच हमारे संपर्क में हैं। वे अपनी गलती स्वीकार कर वापस आ जाएं, भाजपा के मुगालते में न रहें।
यह है मामला
शुक्रवार को विधानसभा में विनियोग विधेयक पारित किए जाने को लेकर हुए बवाल के बाद शनिवार को राजनैतिक गतिविधियां देहरादून के साथ ही नई दिल्ली में केंद्रित रहीं। भाजपा के केंद्रीय नेता पार्टी के 26 और कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के साथ देर रात दो बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इधर, कांग्रेस के लिहाज से देहरादून में शनिवार का दिन भी सरगर्मी भरा रहा। मुख्यमंत्री हरीश रावत, डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी, संसदीय कार्यमंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, काबीना मंत्री यशपाल आर्य व दिनेश धनै तथा विधयक हेमेश खर्कवाल विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से मिलने पहुंचे।
यहां काफी देर तक सबकी बंद कमरे में बातचीत होती रही। दोपहर यहां से निकल कर मुख्यमंत्री कैंट रोड स्थित आवास पहुंचे। यहां तकरीबन सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ विधायकों से उन्होंने वर्तमान हालात पर लंबी चर्चा की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में शिरकत की।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में संसदीय कार्यमंत्री डा. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि विनियोग बजट पारित होने के बाद भाजपा ने हंगामा किया। वैधानिक स्थिति स्पष्ट है। कोई अलग जाता है तो दो-तिहाई सदस्य होने चाहिए। बागियों की सदस्यता बर्खास्तगी के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दे दिया गया है।
पढ़ें:-उत्तराखंड में अस्थिरता के दौर में हवा में चार विकल्प