उत्तराखंड: द ग्रेट खली के 'दांव' से कांग्रेस को झटका
'द ग्रेट खली' के नए दांव से उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस को झटका लगा है। खली ने पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन का ऐलान किया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पंजाब के राजनीतिक अखाड़े में डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर दलीप सिंह राणा उर्फ 'द ग्रेट खली' के नए दांव से उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। खली ने पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन का ऐलान किया है, जिससे उत्तराखंड में कांग्रेस की आगामी विधानसभा चुनाव में उनका राजनीतिक उपयोग करने की रणनीति खटाई में पड़ती दिख रही है। कांग्रेस सरकार कुछ माह पूर्व उत्तराखंड में 'द ग्रेट खली' के दो बड़े मुकाबले आयोजित कर चुकी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने युवाओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में इस वर्ष की शुरुआत में 'सीएम फॉर यूथ' नाम से एक विशेष अभियान प्रारंभ किया था। इस अभियान के जरिये युवाओं में नशे की प्रवृति को हतोत्साहित करने के कार्यक्रम चलाए गए।
पढ़ें:-सपा छोड़ने का सिद्दिकी को मिला ईनाम, सीएम ने थमाया सरकारी ओहदा
मुख्यमंत्री का यह अभियान फरवरी 2016 में उस वक्त खासा लोकप्रिय भी हुआ, जब उत्तराखंड में डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर दलीप सिंह राणा 'द ग्रेट खली' के दो बड़े मुकाबले आयोजित किए गए। एक मुकाबला हल्द्वानी में तो दूसरा मुकाबला देहरादून में आयोजित किया गया।
पढ़ें-उत्तराखंडः हरीश रावत और यशपाल आर्य के बीच भरोसे का संकट
इस दौरान द ग्रेट खली ने रिंग में उतरकर कई विदेशी रेसलरों के साथ दो-दो हाथ किए। मुख्यमंत्री हरीश रावत की इस मुहिम के तब सियासी निहितार्थ भी निकाले गए। माना जा रहा था कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रचार अभियान को गति देने के लिए भी रेसलर ग्रेट खली का सियासी उपयोग करेंगे, लेकिन पंजाब के सियासी अखाड़े में खली का ताजा दांव कांग्रेस के इन मंसूबों पर पानी फेरता दिख रहा है। उन्होंने पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में आप को समर्थन देने का ऐलान किया है।
पढ़ें: सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए अब्दुल मतीन सिद्दीकी
मूलरूप से हिमाचल निवासी रेसलर खली ने कपूरथला में आप के घोषित उम्मीदवार सज्जन सिंह चीमा के रोड शो में शामिल होते हुए यह ऐलान किया। गौरतलब है कि पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी 2017 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर खली पंजाब में आम आदमी पार्टी का प्रचार करते हैं, तो फिर उत्तराखंड में कांग्रेस का प्रचार शायद ही करेंगे। साफ है कि ग्रेट खली के सहारे आगामी चुनाव में युवा मतदाताओं को लुभाने की कांग्रेस की रणनीति खटाई में पड़ती दिख रही है।
पढ़ें:-उत्तराखंड: कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक बागी नहीं त्यागी: पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी