अस्पताल के टॉयलेट में मिला नवजात का शव, हड़कंप
राजधानी देहरादून के महिला अस्पताल के शैचालय में एक नवजात का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
देहरादून, [जेएनएन]: दून महिला अस्पताल के लेबर रूम (प्रसव केंद्र) के टॉयलेट में नवजात का शव मिलने से हड़कंप मच गया। नवजात के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो कोई भी सामने नहीं आया। घटना के बाद बनाई गई अस्पताल की जांच टीम का दावा है कि उक्त प्रसव दून अस्पताल में नहीं हुआ है। किसी ने बाहर से आकर बच्चे को यहां पर छोड़ा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि छोड़े जाने के समय शायद बच्चा जिंदा रहा होगा, लेकिन रात भर भूखा रहने की वजह से उसकी मौत हुई है। उधर, सूचना के बाद मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पंचनामा भर उसे मोर्चरी में रख लिया और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक सुबह करीब सात बजे रोजाना की तरह लेबर रूम की सफाई करने कर्मचारी पहुंचा। सफाई के दौरान जब एक कर्मचारी लेबर रूम के पीछे शौचालय के बाहर पहुंचा तो वह दंग रह गया। शौचालय में नवजात का शव पड़ा था। उसने इसकी जानकारी लेबर रूम में तैनात डॉक्टरों व नर्स को दी। डॉक्टर व नर्स ने वहां पहुंच कर जांच की तो बच्चा मृत मिला। इसके बाद खबर पूरे अस्पताल में फैल गई, जिससे वहां हड़कंप मच गया। डॉक्टरों ने लेबर रूम में प्रसव के लिए लाई गई महिलाओं की भी जांच की तो बच्चा उनका भी नहीं था। सूचना पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।
इसके बाद स्त्री एवं प्रसूति विभाग की एचओडी डॉ. चित्रा जोशी के नेतृत्व में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता ने एक जांच टीम गठित की। जांच टीम का दावा है कि बच्चा दून अस्पताल में जन्मा ही नहीं है। जांच टीम के मुताबिक बुधवार से गुरुवार तक अस्पताल में कुल 28 महिलाओं का प्रसव हुआ। जिनमें से सभी अस्पताल में ही भर्ती हैं, 28 में से जिन बच्चों की मौत भी हो गई थी, उन्हें भी परिजनों को सौंप दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि प्रसव कहीं और हुआ है और उसके बाद बच्चे को अस्पताल में छोड़ा गया। उधर, पुलिस ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। एसपी सिटी प्रदीप राय ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। शव को मोर्चरी में रखकर अज्ञात मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
दून महिला अस्पताल में लेबर रूम के टॉयलेट में नवजात का शव मिलने की घटना से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लग गए हैं। इससे पहले भी अस्पताल में बच्चा चोरी के कई मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन, अस्पताल प्रशासन सुरक्षा को लेकर फिर भी सतर्क नहीं हुआ। अस्पताल में जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, उनमें से अधिकांश खराब पड़े हैं। मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने से पहले गेट पर चेंकिग के साथ ही अन्य गेटों को बंद कर दिया जाता था और पर्याप्त मात्रा में गार्ड भी तैनात रहते थे। लेकिन, अब अस्पताल के चारो ओर गेट खुले पड़े हैं और गार्डों की भी कमी है। अस्पताल के पीछे निर्माण कार्य चल रहा है। जिसके कारण लोगों का बेरोकटोक आना-जाना लगा रहता है। खुद सीएमएस डॉ. मीनाक्षी जोशी का कहना है कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के उचित इंतजाम न होने से हर कोई अस्पताल में घूमता रहता है।
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