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मुर्दों का भी बैंक अकाउंट, मिलती है हर महीने शानदार पेंशन, पढ़ें खबर...

क्‍या मुर्दों का भी खाता होता है। यकीनन आप बिना सोचे ना ही कहेंगे। मगर हम यह कहें कि हां मुर्दों का भी खाता होता है, तो आपको यकीन करना ही होगा। क्‍योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो समाज कल्‍याण विभाग इनके खाते में नियमित पेंशन नहीं डाल रहा होता।

By Thakur singh negi Edited By: Updated: Thu, 28 Apr 2016 08:30 AM (IST)
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देहरादून। क्या मुर्दों का भी खाता होता है। यकीनन आप बिना सोचे ना ही कहेंगे। मगर हम यह कहें कि हां मुर्दों का भी खाता होता है, तो आपको यकीन करना ही होगा। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो समाज कल्याण विभाग दस मरे हुए लोगों के खाते में नियमित पेंशन नहीं दे रहा होता। चलिए हम आपको बड़ी तफ्शील से पूरी कहानी बतातें हैं।
चकराता तहसील के आरटीआइ कार्यकर्ता ने इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को ऐसे 10 लोगों की सूची सौंपी है, जो कई साल पहले दुनिया छोड़ चुके हैं, लेकिन उनके खातों में पेंशन अब भी जा रही है। जनजातीय क्षेत्र चकराता के ग्राम कुन्ना निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता अंबादत्त डोभाल ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को शिकायत सौंपी।
अंबादत्त के मुताबिक कुन्ना व म्यूड़ा गांव में आठ महिलाएं व दो पुरुष ऐसे हैं, जिनकी डेढ़ से दो साल पहले मृत्यु हो चुकी है। लेकिन, विभाग को-ऑपरेटिव बैंक में लगातार उनकी पेंशन भेज रहा है। आरटीआइ में मिली जानकारी के अनुसार अब तक इन खातों में 97 हजार 500 रुपये एकत्रित हो चुके हैं। इनमें से एक महिला की दो पेंशन चल रही हैं और उसके दोनों खातों में 13 हजार 350 रुपये जमा हैं।
अंबादत्त ने बताया कि वह इस संबंध में कई बार समाज कल्याण विभाग में शिकायत कर चुके हैं कि बैंकों से इस पैसे को निकालकर पात्र लोगों को इसका लाभ दिया जाए। लेकिन, अब तक विभाग ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
अधिकारी ने बैठाई जांच
मृत लोगों के खातों में पेंशन जाने की शिकायत पर जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर ने मामले की जांच बैठा दी है। फिलहाल संबंधित सहायक समाज कल्याण अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मसले में उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। यदि यह बात सत्य पाई गई तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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