केदारनाथ आपदा: लापता 215 लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं हो पाए जारी
उत्तराखंड की केदार घाटी में दैवीय आपदा में लापता हुए 215 लोगों के परिजन आज भी सरकारी मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। इन लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं हो पाएं हैं।
देहरादून, [सुभाष भट्ट]: जून 2013 में उत्तराखंड की केदार घाटी में दैवीय आपदा में लापता हुए 215 लोगों के परिजन आज भी सरकारी मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। दरअसल, आपदा के शिकार इन लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर ही उनके परिजनों को आर्थिक मदद दी जा सकती है, मगर उत्तराखंड की सरकार चाहते हुए भी इन लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र जारी नहीं कर पा रही। इसकी मुख्य वजह है संबंधित राज्य सरकारों की संवेदनहीनता या परिजनों की लापरवाही। लिहाजा, संबंधित राज्यों से उत्तराखंड ने फिर से सभी औपचारिकताएं पूरी करने का अनुरोध किया है।
जून 2013 में केदारनाथ में हुई जलप्रलय में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। इस भीषण दैवीय आपदा में विभिन्न प्रदेशों के 2251 लोग लापता हो गए थे, जिनका अब तक कुछ पता नहीं चल सका। आपदा में मारे गए जिन लोगों के शव बरामद हो गए थे, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र नियमानुसार तत्काल ही जारी कर दिए गए। अलबत्ता, जो लोग लापता हो गए, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए केंद्र सरकार ने एक गाइड लाइन राज्य सरकार को दी थी। केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार लापता लोगों के संबंध में उत्तराखंड या उनके मूल राज्य में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना जरूरी है।
साथ ही, कोर्ट को फाइनल रिपोर्ट भेजना भी अनिवार्य है। इन दो साक्ष्यों के आधार पर ही लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं। हैरत की बात यह है कि 2251 में से 2036 लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र तो जारी किए जा चुके हैं, मगर 215 लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र आपदा के तीन वर्ष बाद भी जारी नहीं हो पाए। इसकी मुख्य वजह यह है कि उन लोगों के बारे में या तो प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई या फिर फाइनल रिपोर्ट की सूचना उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध नहीं कराई गई।
नतीजा यह कि उनके परिजनों को 3.50 लाख रुपये का सरकारी मुआवजा नहीं मिल पा रहा। आंध्र प्रदेश के ऐसे ही 21 परिवारों ने राज्य सरकार से न्याय की गुहार लगाई है, मगर आंध्र प्रदेश सरकार उनके बारे में जरूरी तथ्य उत्तराखंड को उपलब्ध नहीं करा रही। ऐसे में राज्य सरकार ने ऐसे सभी मामलों में संबंधित राज्य सरकारों से गाइड लाइन के अनुरूप सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने का अनुरोध किया है, ताकि पीड़ित परिवारों को वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जा सके।
राज्य--लापता--निर्गत--अवशेष
उत्तर प्रदेश--1136-1003-133
बिहार-49-49-04
झारखंड-41-41-00
प. बंगाल-37-36-01
पंजाब-31-16-15
चंडीगढ़-01-01-00
छत्तीसगढ़-27-26-01
उड़ीसा 26-24-02
तमिलनाडू-13-13-00
कर्नाटक-18-17-01
जम्मू कश्मीर-04-04-00
पांडीचेरी-01-01-00
असम-01-01-00
मध्य प्रदेश-538-517-21
गुजरात-128-123-05
हरियाणा-113-106-07
आंध्र प्रदेश-87-62-25
कुल 2251 2036 215
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