आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ दून का लाल, नम आंखों से दी अंतिम विदाई
सात जून को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए दून के सपूत नायक जीत बहादुर सिंह थापा के अंतिम दर्शन को लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 13 Jun 2017 08:50 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के नौगाम सैक्टर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए दून के सपूत नायक जीत बहादुर सिंह थापा को हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उनके बंजारावाला स्थित आवास पर अंतिम दर्शन करने पहुंचे और पार्थिव शरीर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद शहीद का अंतिम संस्कार हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
शहीद जीत बहादुर सिंह थापा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे उनके आवास पर लाया गया। इससे पहले ही दून के लाल को नमन करने के लिए हजारों लोग आवास पर जुट चुके थे। सभी की आंखें नम थी और सीना जीत बहादुर की शहादत के लिए सम्मान से चौड़ा था। गोरखा राइफल्स के जवान और अधिकारी भी अपने जांबाज को सैन्य सम्मान देने के लिए मौजूद थे। करीब साढ़े आठ बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शहीद के आवास पर पहुंचे और इसी के साथ शहीद को श्रद्धांजलि देने का क्रम शुरू किया गया। शहीद जीत बहादुर की पत्नी रानी थापा, अन्य परिजनों व मुख्यमंत्री समेत विधायक विनोद चमोली, गणेश जोशी, पूर्व विधायक दिनेश अग्रवाल, गोरखा राइफल्स के कमांडर ज्ञानेंद्र द्विवेदी, गोरखा राइफल्स के रिटायर्ड ब्रिगेडियर रमेश भाटिया समेत तमाम सैन्य अधिकारियों और अन्य लोगों ने शहीद को पुष्प चक्र अर्पित किए।
वहीं, गढ़वाल राइफल्स के बैंड ने भी विशेष धुन बजाकर जांबाज को सलामी दी। शहीद के अंतिम दर्शन के मौके पर जिलाधिकारी एसए मुरुगेसन, अपर जिलाधिकारी हरबीर सिंह, उप जिलाधिकारी विनीत कुमार भी उपस्थित रहे।लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे
जैसे ही शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने लगे तो आक्रोशित भीड़ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाने लगी। लोगों की आंखों में आतंक के खिलाफ नफरत के भाव साफ नजर आ रहे थे। इस दौरान भारत माता की जय और गोरखïा राइफल्स और भारतीय सेना की जय के नारे भी लगाए गए। यह भी पढ़ें: सुकमा के शहीदों के परिजनों को पतंजलि देगा दो-दो लाखयह भी पढ़ें: पाकिस्तान सीमा पर शहीद हुआ उत्तराखंड का सपूत
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