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उत्‍तराखंड: ड्रेस कोड मसला सुलझने के नहीं बने आसार

उत्‍तराखंड में ड्रेस कोड का मामला उलझता जा रहा है। इसको लेकर सरकार और विद्यालयी शिक्षकों के बीच तनातनी बनी हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 05 Sep 2017 10:57 PM (IST)
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उत्‍तराखंड: ड्रेस कोड मसला सुलझने के नहीं बने आसार
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: ड्रेस कोड को लेकर सरकार और विद्यालयी शिक्षकों के बीच तनातनी खत्म होने के आसार नहीं हैं। शिक्षक अपनी पेचीदा मांगों के समाधान को मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिले आश्वासन पर अमल के लिए शासनादेश जारी होने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि इस मामले में अभी सिर्फ फाइल मूवमेंट ही तेज हुआ है। 

वित्त से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार भी पसोपेश में है। ऐसे में ड्रेस कोड को लेकर शिक्षक दिवस के बाद भी सहमति शायद ही बन सके। हालांकि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को पूरा भरोसा है कि ड्रेस कोड को लेकर वह शिक्षकों को मनाने में कामयाब हो जाएंगे।

 सरकार इस कोशिश में जुटी है कि शिक्षक दिवस के बाद शिक्षक खुद-ब-खुद ही ड्रेस कोड लागू करने को लेकर आगे आएं। इस सिलसिले में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से भी प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक शिक्षकों की मांगों के समाधान को उनके संगठनों के साथ विस्तार से वार्ता हो चुकी है।

वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी तो कई बिंदुओं पर परीक्षण कराने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए थे। उच्च स्तर से दिए गए निर्देशों के बाद शासन स्तर पर शिक्षकों की कई मांगों को लेकर फाइल मूवमेंट शुरू हो गया है। कुछ मामलों में शिक्षा निदेशालयों से विस्तृत ब्योरा मांगा गया है। 

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षक संघ की स्थानांतरण एक्ट लागू करने की मांग पर फिलहाल विधानसभा का पेच है। इस प्रकरण पर प्रवर समिति की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जा चुका है। वहीं शिक्षा मंत्री नया तबादला कानून बनाने और उसमें विद्यालयों के कोटीकरण और तबादला नीति के पेच को सुलझाने को शिक्षक संगठनों को रायशुमारी में शामिल कर चुके हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था, यातायात साधनों की समुचित उपलब्धता से आठ किमी निवास की बाध्यता समाप्त किए जाने का मामला भी परीक्षण के स्तर पर है। 

उधर उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री दिग्विजय सिंह, उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौहान व राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सोहन सिंह माजिला का कहना है कि शिक्षकों की मांगें अभी परीक्षण के स्तर पर हैं। इनके शासनादेश कब जारी होंगे, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। इस वजह से ड्रेस कोड को लेकर भी संगठन अपना रुख साफ करने बच रहे हैं। वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि गुरुजनों की मांगों को लेकर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। इसे ड्रेस कोड लागू किए जाने से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

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