इस गांव में शाम ढलते ही कर्फ्यू लगा देते हैं हाथी
राजधानी का निकटवर्ती नकरौंदा गांव। इन दिनों शाम ढलते ही वहां अघोषित कर्फ्यू जैसा नजारा है। कब कहां से हाथियों के झुंड आ धमके कहा नहीं जा सकता।
देहरादून, [जेएनएन]: राजधानी का निकटवर्ती नकरौंदा गांव। इन दिनों शाम ढलते ही वहां अघोषित कर्फ्यू जैसा नजारा है। कब कहां से हाथियों के झुंड आ धमके कहा नहीं जा सकता। पिछले 10 दिन के भीतर ही सात मर्तबा गांव में घुसकर हाथी फसलों को बरबाद कर चुके हैं, लेकिन वन महकमे को मानो इससे कोई सरोकार नहीं।
सूरतेहाल, करीब 15 हजार की आबादी हाथियों के खौफ के साये तले सांस लेने को मजबूर हैं। इस बीच गत रात भी गांव में घुसे इक्कड़ हाथी ने बड़े पैमाने पर खेतों में खड़ी धान, मक्का की फसलें चौपट कर डालीं।
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देहरादून और मसूरी वन प्रभाग से लगा नकरौंदा क्षेत्र हाथियों की धमाचौकड़ी से त्रस्त है। हर दूसरे-तीसरे दिन हाथी गांव में घुसकर फसलों को तबाह कर ही रहे, लोगों की जान भी सांसत में है। गत रात भी हाथी ने खासा नुकसान पहुंचाया।
सांसद प्रतिनिधि जितेंद्र सिंह रैना और क्षेत्रवासी विक्रम खत्री ने बताया कि हाथी ने गांव के वार्ड तीन में धीरेंद्र सिंह बिष्ट, विजय सिंह बिष्ट, रायसिंह तडिय़ाल, कुलदीप सिंह बिष्ट, बसंत सिंह कैंत्यूरा, भारत सिंह रावत समेत अन्य ग्रामीणों के खेतों में घुसकर धान, मक्का की फसलें चौपट कर डाली।
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उन्होंने बताया कि एक सितंबर से हाथियों की आवाजाही का सिलसिला ज्यादा तेज हुआ है। शाम ढलते ही हाथियों के आबादी की ओर रुख करने के कारण लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। यही नहीं, कई मर्तबा तो भगाने पर हाथी लोगों की ओर दौड़ पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि वन महकमे को कई बार इस बारे में अवगत कराने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
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कब लगेगी सौर ऊर्जा बाड़
हाथियों के आतंक को देखते हुए नकरौंदा में वन सीमा पर सौर ऊर्जा बाड़ की मांग लंबे अर्से से क्षेत्रवासी उठाते आ रहे हैं। लेकिन, वन महकमा अब तक सिर्फ आश्वासन की घुट्टी ही पिला रहा है।
देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ पीके पात्रो के मुताबिक सौर ऊर्जा बाड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। बजट आवंटित होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा। फिलहाल, क्षेत्र में वनकर्मियों की गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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