उत्तराखंड: 2001 से पहले के शिक्षकों को डीएलएड से छूट
सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक 31 मार्च 2019 के बाद शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे, लेकिन 2001 से पूर्व के शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षण से मुक्त होंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 07 Sep 2017 09:11 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी और जूनियर स्तर पर पढ़ाने वाले शिक्षकों के अच्छी खबर है। वर्ष 2001 से पहले तैनाती प्राप्त शिक्षकों को डीएलएड से छूट मिल गई है। हालांकि निजी स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए नियम यथावत रहेगा। मानव विकास संसाधन मंत्रालय से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद अब राज्य का शिक्षा विभाग भी जल्द इसका आदेश जारी कर देगा।
प्रदेश के तमाम सरकारी, गैर सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक 31 मार्च 2019 के बाद शिक्षण कार्य नहीं कर सकेंगे। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के शिक्षा विभाग को सर्कुलर जारी कर यह निर्देश दिए थे। इसे लेकर राज्य के शिक्षा विभाग ने भी सभी स्कूलों अप्रशिक्षित शिक्षकों की सूची मांगी थी। साथ ही विभाग ने ऐसे शिक्षकों को अवसर प्रदान करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षण के लिए डीएलडी की अनिवार्यता करते हुए 31 मार्च 2019 तक संबंधित कोर्स करने की हिदायत भी दी थी। लेकिन, अब विभाग नियमों में शिथिलता बरतने के मूड में नजर आ रहा है। हालांकि अंतिम निर्णय मानव संसाधन मंत्रालय की मुहर के बाद ही होगा। माना जा रहा है कि मंत्रालय के ग्रीन सिग्नल के बाद सरकार स्कूलों में साल 2001 से पहले से नियुक्त शिक्षकों को इस नियम से छूट प्रदान कर दी जाएगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश के समय बड़ी संख्या में प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में सीधे बीएड, मृतक आश्रित, बीपीएड, सीपीएड, मौलवी उर्दू, एलटी प्रशिक्षितों की नियुक्ति हुई थी। वर्तमान में उप्र के समय नियुक्त अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या करीब चार हजार के आसपास बताई जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर जब शिक्षा विभाग ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए डीएलएड प्रशिक्षण करने का आदेश जारी किया तो इन शिक्षक-शिक्षिकाओं में हड़कंप मच गया। इसके बाद ऐसे शिक्षकों को प्रशिक्षण में छूट की मांग भी उठनी शुरू हो गई। जब मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समक्ष आपत्तियां पहुंची तो वहां से मामला निस्तारित किया गया।
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री दिग्विजय चौहान ने बताया कि अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के माध्यम से यह मामला मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के समक्ष रखा गया था। से वार्ता की गई है। जिस पर अब मंत्रालय का जवाब प्राप्त हुआ है। जिसमें कहा गया है कि 03 सितम्बर 2001 से पूर्व के शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षण से मुक्त होंगे। इधर, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि वर्ष 1996 में सीधे बीएड के अलावा बीपीएड और अन्य कोर्स करने वालों को तत्कालीन सरकार ने छूट देकर स्कूलों में नियुक्ति दे दी थी लेकिन तीन सितंबर 2001 से पहले स्कूलों में नियुक्ति पाने वालों के लिए डीएलएड की अनिवार्यता नहीं होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश के बाद इसको लेकर एक दो दिन में आदेश जारी कर दिए जाएंगे। बताया कि यह छूट निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नहीं होगी।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: ड्रेस कोड मसला सुलझने के नहीं बने आसार
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