और सड़क पर ही सो गए पूर्व सीएम हरीश रावत, पढ़ें खबर
अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की मांग मान लिए जाने के बाद भी सियासी खेल जारी है। बीते रोज 48 घंटे के उपवास पर बैठे पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के साथ देर रात निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत भी धरना स्थल पहुंचे और वहीं सो गए।
देहरादून। अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की मांग मान लिए जाने के बाद भी सियासी खेल जारी है। बीते रोज 48 घंटे के उपवास पर बैठे पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के साथ देर रात निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत भी धरना स्थल पहुंच गए। शासनादेश का श्रेय लेने की होड़ में हरीश रावत ने भी रात में नैथानी के साथ रुक गए। हालांकि निवर्तमान मुख्यमंत्री, पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक के लिये बाकायदा चारपाई लगाई गई। इतना ही नहीं बदबू से बचने के लिए फिनाइल छिड़का गया और मच्छरों से बचाने के लिए मार्टिन लगाए गए। रात करीब साढ़े 12 बजे निवर्तमान सीएम पूर्व मंत्री और विधायक वही सोए हुए थे।
वहीं आंदोलन स्थगित कर चुके अतिथि शिक्षक भी उनके साथ मजबूरन मौके पर डटे रहे। वहीं इससे पूर्व निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभी शासनादेश जारी हुआ है, लेकिन अतिथि शिक्षकों की सभी मांगे पूरी नहीं हुई। कांग्रेस सरकार के काल में तैनात अतिथि शिक्षकों के साथ अभी न्याय होना बाकी है।
उधर, इस स्थिति में अतिथि शिक्षक असमंजस की स्थिति में दिखे। वे अभी शासनादेश को विस्तृत रूप से समझने की कोशिश में लगे हैं। उनका कहना है कि इसको लेकर सही निर्णय मंगलवार को लिया जाएगा। हालांकि अभी आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।
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