बदले की भावना से काम कर रहे मुख्यमंत्री: हरक
पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बदले की भावना से कार्य करने का आरोप लगाया है।
देहरादून (राज्य ब्यूरो)। पूर्व कैबिनेट मंत्री व भाजपा नेता डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर बदले की भावना से कार्य करने का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने इसी भावना के चलते आपदाग्रस्त रुद्रप्रयाग क्षेत्र में सरकार की सहायता से बन रहे स्कूलों का काम रोक दिया है। इनकी स्वीकृत धनराशि रोक ली गई है। उपनल के जरिए जैव प्रौद्योगिक कार्यक्रम, उत्तराखंड विकास बोर्ड चाय बोर्ड व उद्यान विभाग आदि में रखे कर्मचारी निकाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नाराजगी उनसे है, इसमें स्कूली बच्चों और बेरोजगारों का कोई लेना देना नहीं लेकिन मुख्यमंत्री के फैसले इन लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अब क्षेत्रवाद फैला रहे हैं, यह प्रदेश को खंडित करने का प्रयास है।
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यमुना कालोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि रुद्रप्रयाग में आपदा के दौरान कई स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए थे। इन स्कूलों को कई स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से बनाया गया। जो शेष बच गए थे, उनके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत से दो करोड़ रुपये स्वीकृत कराए थे। यह पैसा भी जारी हो गया था।
उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए बकायदा 12 जनवरी को टेंडर भी लगाए गए। इससे पहले कि स्कूलों में काम शुरू हो, सरकार ने विगत माह यह पैसा वापस मंगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। साफ है कि विद्वेष की राजनीति के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश में चाय विकास बोर्ड की संभावना तलाशने के लिए देहरादून व हल्द्वानी में इसके कार्यलय खोले गए। अब अचानक इन कार्यालयों के साथ ही जीएमवीएन रुद्रप्रयाग के कार्यालय को बंद कर दिया गया है। इन कार्यालयों का सारा समान अल्मोड़ा शिफ्ट किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत को यह समझना होगा कि वे केवल धारचूला के मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री है। हर क्षेत्र में समान रूप से कार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के तहत उपनल के जरिए वैज्ञानिकों समेत पूरे स्टाफ की तैनाती की गई थी। चाय बोर्ड में भी अधिकारी व कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। मुख्यमंत्री बदले की भावना से इन कर्मचारियों को बाहर निकाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बदला ही लेना है तो हम से लिया जाए, हम तैयार हैं, लेकिन जिनका राजनीति से कोई मतलब नहीं उन्हें बाहर किया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भी मनमाने तरीके से नियुक्तियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश भर में मुख्यमंत्री की संकीर्ण मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
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सस्ती लोकप्रियता के फैसला
हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के फैसलों को सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इसी सरकार ने सर्किल रेट के दाम आसमान पर पहुंचाए थे। हमने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि चार बार कैबिनेट में उपनल कर्मियों के मानदेय का मसला उठाया गया था, अब जब हमने हमला बोला तब इस मांग को पूरा किया गया है।
सीबीआइ जल्द दर्ज करे मामला
हरक सिंह रावत न कहा कि सीबीआइ इस मामले में दो बार उनसे भी पूछताछ कर चुकी है। उन्हें सारी बात बताई गई है। अब सीडी को लेकर हरीश रावत जो कह रहे हैं वह गलत है। सीबीआइ से आग्रह है कि सारे तथ्य उनके सामने हैं। इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही होनी चाहिए।
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