आंदोलनकारियों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए: हरक
काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत राज्य के विकास से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों की जो उम्मीदें थीं, उन पर हम खरा नहीं उतर पाए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड नौ नवंबर को 18 वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है, लेकिन काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत राज्य के विकास से बहुत ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं। बकौल डॉ. रावत, 'मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों की जो उम्मीदें थीं, उन पर हम खरा नहीं उतर पाए। फिर चाहे युवाओं के लिए रोजगार का सवाल हो या महिलाओं के सिर से बोझ कम करने का अथवा स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने, इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।'
विधानसभा भवन में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में डॉ. रावत ने कहा कि इस स्थिति के लिए अब तक की सरकारें, नेता सभी जिम्मेदार हैं। लालफीताशाही पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि जाने-अनजाने इस मामले में यहां भी उत्तर प्रदेश की कार्बन कॉपी नजर आती है। पलायन का बड़ा सवाल अभी भी हमारे सामने विकराल रूप में खड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के तत्काल बाद ही हालत सुधरते तो आज स्थिति ठीक रहती।
दीमक की तरह है भ्रष्टाचार
डॉ. रावत ने कहा कि विकास के लिए भ्रष्टाचार दीमक की तरह है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार से जंग लड़ रही है। ऑडिट आदि की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे सरकार को निर्णय लेने में आसानी होती है।
खंडूड़ी रहे सक्षम सीएम
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की ओर से पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी पर किए गए कटाक्ष के संबंध में पूछे जाने पर डॉ. रावत ने कहा कि खंडूड़ी सक्षम सीएम थे। यदि ऐसा नहीं होता तो उन्हें दोबारा कमान क्यों सौंपी जाती।
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