हरीश रावत ने स्वीकारा, स्टिंग बनाने वाले पत्रकार से हुई थी मुलाकात, पढ़ें...
हरीश रावत ने एक प्रकार से कथित स्टिंग सीडी प्रकरण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी स्टिंग बनाने का दावा करने वाले पत्रकार से जौलीग्रांट में मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा कि सीडी में जो दिखाया जा रहा है वह फरेब है।
देहरादून। हरीश रावत ने एक प्रकार से कथित स्टिंग सीडी प्रकरण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी स्टिंग बनाने का दावा करने वाले पत्रकार से जौलीग्रांट में मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा कि सीडी में जो दिखाया जा रहा है वह फरेब है। यहां तक कि सीडी में कहीं यह नहीं कहा गया कि विधायक चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पहले भी उक्त पत्रकार से मिल चुके हैं। यदि कोई पत्रकार मिलने की बात पर चुपचाप कैमरा ऑन कर कुछ अनर्गल बात बोलता जा रहा है तो उसमें क्या कहा जा सकता है। मैने कभी पैसे की बात नहीं की।
आज बीजापुर स्थित राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वे जब रेशम माजरी के दौरे पर थे उस दिन उनकी मुलाकात स्टिंग का दावा करने वाले पत्रकार से हुई थी। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि तथाकथित स्टिंग में 15-15 करोड़ देने की बात वही पत्रकार कर रहा है। आखिर उसके पास यह पैसे कहां से आए। यह बात सामने आ रही है कि उक्त पत्रकार कह रहा है कि उसने झूठ बोला था। यदि ऐसा है तो उसके सामने बैठा व्यक्ति भी तो झूठ बोल सकता है।
हरीश रावत ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी यह नहीं स्वीकारा कि वह उक्त सीडी में है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि एक सुनियोजित तरीके से गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि किसी ने यह सवाल नहीं किया कि कथित स्टिंग करने वाले के पास इतना पैसा कहां से आ रहा है। सवाल उससे पूछा जा रहा है जो यह कह रहा है कि यह पैसा मैं कहां से लाऊंगा। उन्होंने कहा कि कहीं भी विधायकों के मोलभाव की बात नहीं की है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में शराब माफियाओं का पैसा लगा है। विजयवर्गीय व उत्तराखंड में उसे दो शार्गिद साकेत व भूपेश उपाध्याय की भी इसमें भूमिका है। उन्होंने कहा कि सीबीआई पूरी सीडी की जांच करें न कि केवल चुनिंदा तथ्यों की।
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