उत्तराखंड में दो राजधानी का विरोध करूंगा: किशोर उपाध्याय
किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में दो राजधानियां सहन नहीं की जाएंगी। ऐसा हुआ तो वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 03 Nov 2017 04:20 AM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: गैरसैंण में राजधानी को लेकर कांग्रेस ने भले ही अपना रुख साफ नहीं किया, लेकिन प्रदेश संगठन के अध्यक्ष पद से हटते ही किशोर उपाध्याय ने अपना रुख जरूर साफ कर दिया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने को उठते सुरों के बीच किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड में दो राजधानियां सहन नहीं की जाएंगी। ऐसा हुआ तो वह इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
राज्य की सत्ता संभालने वाले दोनों ही दल भाजपा और कांग्रेस गैरसैंण को लेकर रुख साफ करने से बचते रहे हैं। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी की पैरोकारी कर चुके हैं। वहीं सरकार ने अब सात दिसंबर से गैरसैंण में विधानसभा सत्र आहूत कर दिया है। ऐसे में गैरसैंण को लेकर तेज हो रही सियासत के बीच पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अलग ही राग अलापना शुरू कर दिया।गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब किशोर ने कहा कि छोटा राज्य दो राजधानियों का बोझ सहन नहीं कर सकता। दो राजधानी बनाई गईं तो वह विरोध में उतरेंगे। उन्होंने गैरसैंण में शीतकालीन सत्र के मुद्दे पर भी सरकार को जमकर कोसा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ समूचा विपक्ष कांग्रेस की पहल पर एकजुट होकर आठ नवंबर को काला दिवस मनाएगा। उत्तराखंड में भी कांग्रेस अन्य दलों के सहयोग से संयुक्त मोर्चा बनाने की मुहिम में जुटेगी।इस संबंध में वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह से वार्ता करेंगे। किशोर उपाध्याय ने इन दिनों लोकायुक्त बिल की पैरवी में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल से भाजपा सांसद भुवनचंद्र खंडूड़ी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि खंडूड़ी भाग्यशाली हैं। स्वर्गीय हेमवतीनंदन बहुगुणा का आशीर्वाद न होता तो मेजर जनरल नहीं बन पाते। वह बगैर राजनीतिक अनुभव के मुख्यमंत्री बन गए। अब चुनाव नहीं लडऩे संबंधी खंडूड़ी के वक्तव्य पर उन्होंने टिप्पणी की कि अब पतझड़ के बाद नई कोंपलें और नए पत्ते आ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सेना के अहम पदों का राजनीतीकरण किया है।
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