लोकायुक्त नियुक्ति को उत्तराखंड सरकार पर बढ़ गया दबाव
उत्तराखंड में तीन माह में लोकायुक्त के गठन के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलते ही उसका अध्ययन किया जाएगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में तीन माह में लोकायुक्त के गठन के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलते ही उसका अध्ययन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को लोकायुक्त का गठन करने के निर्देश दिए हैं। लोकायुक्त विधेयक को विधानसभा की प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया था। प्रवर समिति उक्त विधेयक पर अपना प्रतिवेदन विधानसभा को सौंप चुकी है। अभी प्रवर समिति के प्रतिवेदन के मुताबिक संशोधित लोकायुक्त विधेयक विधानसभा में पारित नहीं हुआ है।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को यह विधेयक विधानसभा से पारित कराना होगा। इसके बाद ही लोकायुक्त के गठन का रास्ता साफ हो सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति मिलते ही उसका अध्ययन किया जाएगा। इसके मुताबिक सरकार फैसला लेगी।
इको सेंसिटिव जोन के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में इको सेंसिटिव जोन के लिए तय किए गए मानक पूरे देश के मानकों से भिन्न हैं। केंद्र सरकार से लगातार इसको लेकर पैरवी की जा रही है। पर्यावरण मंत्री व सड़क परिवहन मंत्री भी इस मामले में राज्य सरकार के तर्कों से सहमत हैं।
उन्होंने भविष्य में उक्त मानकों में शिथिलता मिलने की उम्मीद जताई। लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों को बकाया भुगतान के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में ठेकेदारों ने सरकार से संपर्क नहीं किया है। जिस भी ठेकेदार ने कार्य किया है, उसका भुगतान करना सरकार की जिम्मेदारी है।
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