मैने कुछ गलत नहीं किया, बल्कि कर्तव्य का पालन कियाः हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोर्ट के लिखित आदेश आने से पहले मुख्यमंत्री की हैसियत से कैबिनेट की बैठक करने को सही करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, बल्कि कर्तव्य का पालन किया।
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोर्ट के लिखित आदेश आने से पहले मुख्यमंत्री की हैसियत से कैबिनेट की बैठक करने को सही करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, बल्कि कर्तव्य का पालन किया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उनके मुख्यमंत्री की हैसियत से काम करने पर भाजपा नेता बवाल मचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार हाई कोर्ट के लिखित आदेश के बगैर राष्ट्रपति शासन हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है, तो उन पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के जिस आदेश के खिलाफ केंद्र सुप्रीम कोर्ट गया, उसी आदेश का सम्मान करते हुए मैने भी कर्तव्य का पालन किया। ओपन कोर्ट में जो भी मौखिक आदेश होता है, वह उसी समय से लागू माना जाता है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री की हैसियत से जो कार्य किए उसमें गलत क्या है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर उत्तराखंड में कांग्रेस और उनके खिलाफ अघोषित युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा तथ्यों को गलत तरीके से प्रचारित कर रही है।
हरीश रावत ने भाजपा पर उत्तराखंड के माहौल को विषाक्त करने का भी आरोप लगाया। साथ ही राष्ट्रपति शासन की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सहयोगी विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने की भी जरूरत जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और पीडीएफ के विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल को हाई कोर्ट के राष्ट्रपति शासन हटाने के आदेश के बाद से हरीश रावत मुख्यमंत्री की हैसियत से कार्य करने लगे थे। इस दौरान उन्होंने दो बार कैबिनेट की बैठक भी की। बाद में 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।
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