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उत्‍तराखंड: कुमाऊं में भोले बाबा के तीर्थों की जल्‍द बदलेगी सूरत

उत्तराखंड के प्रसिद्ध कटारमल सूर्य मंदिर व जागेश्वर धाम, बागेश्वर स्थित बैजनाथ धाम और चंपावत के देवीधुरा मंदिर की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी।

By gaurav kalaEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2016 07:00 AM (IST)
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देहरादून, [हरीश कंडारी]: जल्द ही उत्तराखंड के प्रसिद्ध कटारमल सूर्य मंदिर व जागेश्वर धाम, बागेश्वर स्थित बैजनाथ धाम और चंपावत के देवीधुरा मंदिर की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। केंद्र सरकार ने 'भारत स्वदेश दर्शन' योजना के तहत इनके कायाकल्प की योजना को हरी झंडी दे दी है।
योजना के तहत इन्हें आपस में जोड़कर इन्हें 'शिवा हेरिटेज सर्किट' के तौर पर विकसित किया जाएगा। केंद्र ने इसके लिए पर्यटन विभाग को 83 करोड़ का बजट भी जारी कर दिया है।
उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल उपेक्षा के चलते आज भी देश-दुनिया की नजरों से ओझल हैं। इन्हीं में अल्मोड़ा का प्रसिद्ध कटारमल सूर्य मंदिर व जागेश्वर धाम, बागेश्वर का बैजनाथ धाम और चंपावत का देवीधुरा मंदिर भी शामिल हैं।

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कई ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे यह स्थल पर्यटकों व श्रद्धालुओं के बीच इतने लोकप्रिय नहीं हो पाए, जितने होने चाहिए थे। लेकिन, अब 'भारत स्वदेश दर्शन' के तहत 'शिवा हेरिटेज सर्किट' योजना में इनके कायाकल्प की तैयारी है।
योजना के तहत राज्य के इन चार धार्मिक महत्व के स्थलों को न सिर्फ आपस में जोड़ा जाएगा, बल्कि यहां उच्चस्तरीय बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अपर निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि यह विभाग की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे केंद्र की स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया जाएगा।

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इस तरह होगा विकास
कटारमल सूर्य मंदिर: इस मंदिर में नटराज की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कटारमल से मंदिर तक दो किलोमीटर ट्रैक विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां ईको हट, कैफे, एडमिन ब्लॉक व अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
जागेश्वर मंदिर समूह: इसे योग केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सात किमी के ट्रैक को विकसित कर सात स्थानों पर कुंडलिनी जागृत करने लिए केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

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देवीधुरा मंदिर: बग्वाल युद्ध के लिए मशहूर देवीधुरा धाम भी सर्किट का हिस्सा होगा। यहां भगवान शंकर को एक महान योद्धा के रूप में दर्शाते हुए रुद्रनाथ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
बैजनाथ धाम: इसे नेचुरापैथी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां जरूरी सुविधाओं, मसलन घाटों का निर्माण, पार्किंग, रेस्ट शेल्टर, ईको हट व ध्यान कें द्र बनाए जाएंगे।

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