स्पीकर ने भाजपा की याचिका की खारिज, जारी रहेगी विधायक भीमलाल आर्य की सदस्यता
व्हिप उल्लंघन के मामले में घनसाली विधायक भीमलाल आर्य के खिलाफ भाजपा की ओर से दायर याचिका को स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने खारिज कर दिया। विधायक भीमलाल की विधानसभा की सदस्यता जारी रहेगी।
देहरादून। व्हिप उल्लंघन के मामले में घनसाली विधायक भीमलाल आर्य के खिलाफ भाजपा की ओर से दायर याचिका को स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने खारिज कर दिया। विधायक भीमलाल की विधानसभा की सदस्यता जारी रहेगी।
भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक की ओर से 18 मार्च को व्हिप जारी होने के बावजूद पार्टी विधायक भीमलाल आर्य के सदन में अनुपस्थित रहने पर दलबदल कानून के तहत स्पीकर के समक्ष याचिका दाखिल की गई थी। भाजपा ने याचिका में विधायक आर्य पर व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आर्य की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है।
इस मामले में बीती 26 अप्रैल को स्पीकर ने दोनों ही पक्षों की सुनवाई की थी, मगर विधायक आर्य की ओर से व्हिप जारी किए जाने की सूचना संबंधी साक्ष्य भाजपा से मांगे गए थे। इस पर स्पीकर ने 28 अप्रैल को सुनवाई की अगली तिथि तय की थी। 28 अप्रैल को विधायक आर्य अपने वकीलों की टीम के साथ स्वयं स्पीकर के समक्ष पेश हुए, तो भाजपा मुख्य सचेतक की ओर से उनके वकीलों की टीम सुनवाई में पहुंची।
इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से करीब तीन घंटे तक स्पीकर के समक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश की गईं। विधायक आर्य की ओर से उनके वकीलों ने दलील दी कि उन पर व्हिप उल्लंघन का आरोप तो लगाया जा रहा है, मगर भाजपा की ओर से व्हिप जारी होने की सूचना विधायक को नहीं दी गई, न ही इस संबंध में भाजपा स्पीकर के समक्ष कोई पुख्ता साक्ष्य प्रस्तुत कर पाई।
भाजपा के मुख्य सचेतक के वकीलों ने तर्क दिया कि विधायक आर्य को पार्टी से सिर्फ निलंबित किया गया, इसके बावजूद विधायक आर्य ने 18 मार्च तक लगातार सदन में अनुपस्थित रहकर एक तरह से स्वयं ही खुद को पार्टी से अलग कर लिया। इस बीच राज्य सरकार द्वारा अंबेडकर जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष पद के तौर पर दिया प्रलोभन भी उन्होंने स्वयं स्वीकार कर लिया।
विधायक आर्य का यह आचरण भी पार्टी विरोधी गतिविधि की श्रेणी में आता है, जो दलबदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए पुख्ता आधार है। स्पीकर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में सुनवाई खत्म कर दी।
आज इस मामले में स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपना फैसला सुनाया। स्पीकर ने कहा कि भाजपा ने विधायक भीमलाल आर्य पर अपनी याचिका में व्हिप उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दलबदल कानून के तहत उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की थी, लेकिन आरोप के संबंध में भाजपा ने कोई साक्ष्य पेश नहीं किए। विधायक ने अपने जावब में भी व्हिप जारी होने की सूचना उनको ना देने की बात कही। इस पर भाजपा को और समय भी दिया गया था, लेकिन भाजपा साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई। इसके बाद याचिका खारिज कर कर दी गई।
पढ़ें:-भाजपा प्रवक्ता ने हरीश रावत पर साधा निशाना