उत्तराखंड: दलितों के मंदिर में प्रवेश को लेकर बवाल, सांसद तरुण घायल
देहरादून में दलितों के लिए प्रतिबंधित शिलगुर देवता मंदिर में दलितों संग दर्शन करने पहुंचे राज्यसभा सांसद तरुण विजय व दलितों के दल पर स्थानीय लोगों व मंदिर समिति के लोगों ने हमला कर दिया।
विकासनगर (देहरादून)। दलितों के लिए प्रतिबंधित शिलगुर देवता मंदिर में दलितों संग दर्शन करने पहुंचे राज्यसभा सांसद तरुण विजय व दलितों के दल पर स्थानीय लोगों व मंदिर समिति के लोगों ने हमला कर दिया। दलितों के मंदिर में प्रवेश से गुस्साए लोगों ने पथराव व मारपीट की, जिसमें सांसद समेत कई लोग घायल हो गए।
सीएम हरीश रावत ने गढ़वाल कमिश्नर को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। सीएम ने कहा कि इस प्रकार की घटना निंदनीय है तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पोखरी-चकराता स्थित शिलगुर देवता मंदिर में दलितों की एंट्री पर रोक थी, ऐसे में आज राज्यसभा सांसद दलितों के एक दल के साथ मंदिर में दर्शन करने पहुंच गए। इस पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने तथा परंपरा तोड़ने का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने जमकर हंगामा काटा। सांसद तरुण विजय तथा दलित समाज के लोगों के साथ इस कदर मारपीट की गई कि कई गंभीर घायल हो गए।
गंभीर घायल तरुण विजय को चकराता स्थित सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि उनकी गाड़ी को गुस्साई भीड़ ने खाई में फेंक दिया। इसके अलावा आराधना ग्रामीण विकास केंद्र समिति के नेता दौलत कुंवर का घटना के बाद से कोई पता नहीं चल पा रहा है। दलित नेता दौलत कुंवर व उनका परिवार लापता है, हालांकि इस संबंध में कुछ भी कहना अभी संभव नहीं है।
घटना से क्षेत्र में भारी तनाव है और पुलिस प्रशासन के स्थिति सामान्य करने में पसीने छूट रहे हैं। इससे पहले भी कई बार मंदिर में दलितों के प्रवेश को लेकर विवाद होता रहा है, लेकिन इस बार राज्यसभा सांसद की मौजूदगी ने मामले को गंभीर बना दिया है।
इससे पहले जौनसार बावर परिवर्तन यात्रा के रूप में आज दोपहर राज्यसभा सांसद तरुण विजय के नेतृत्व में स्थानीय ब्लाक परिसर से चकराता के पोखरी शिलगुर देवता के दर्शन को रवाना हुई थी। यात्रा को रवाना करते हुए सांसद ने कहा था कि दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकना घोर अन्याय है।
विकासनगर के खंड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर से सांसद ने आराधना ग्रामीण विकास केंद्र समिति के बैनर तले मंदिर में प्रवेश को जाने वाले दलितों के दल को रवाना किया गया था। दलित राज्यसभा सांसद तरुण विजय के नेतृत्व में पोखरी-चकराता स्थित शिलगुर देवता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।
घटनाक्रम
11.30 बजे: सांसद तरुण विजय के नेतृत्व में विकासनगर ब्लाक परिसर से परिवर्तन यात्रा में शामिल दलितों का दल पुनाहा पोखरी चकराता के शिलगुर मंदिर के लिए रवाना हुआ।
3.30 बजे: परिवर्तन यात्रा में शामिल सांसद तरुण विजय, दलित नेता दौलत कुंवर व अन्य ने शिलगुर देवता के दर्शन किए।
4.15 बजे: सांसद तरुण विजय के नेतृत्व में आया दल दर्शन कर वापस लौटने लगा।
4.30 बजे: शिलगुर देवता के दर्शन कर वापस लौटते समय मंदिर के रास्ते में भीड़ ने सांसद तरुण विजय पर पथराव कर हमला बोल दिया। जिसमें कई घायल हुए।
7 बजे: करीब तीन घंटे बाद घायल सांसद, गनर व भाजपा नेता विपुल अग्रवाल को आपातकालीन सेवा 108 के माध्यम से मिलेट्री अस्पताल पहुंचाया गया। बीच में ग्वासा पुल पर खड़ी भीड़ द्वारा एंबुलेस रोकने पर सांसद के उपचार में विलंब हुआ।
7.30 बजे: आराधना ग्रामीण विकास केंद्र समिति संरक्षक दौलत कुंवर व अन्य घायल सीएचसी चकराता में हुए भर्ती।
पुलिस की लापरवाही से काबू से बाहर हुए हालात
जौनसार बावर परिवर्तन यात्रा के तहत राज्यसभा तरुण विजय के नेतृत्व में दलितों का मंदिर में जाने का कार्यक्रम पूर्वनियोजित था। पहले भी कई बार मंदिर में दलितों के प्रवेश पर हुए विवाद को देखते हुए इस बार भी बवाल की पूरी संभावना थी। राज्यसभा सांसद के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद तो सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होना लाजमी था, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। आधी अधूरी तैयारियों के साथ पहुंची पुलिस बवाल व मारपीट के दौरान मूकदर्शक बन कर रहे गई।
घटना ने पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी व कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिया। सांसद तरुण विजय के गंभीर घायल होने से तथा दलितों संग मारपीट होने से पुलिस साख पर बट्टा लगतना तय है। मारपीट के दौरान सांसद को पुलिस भीड़ के बीच से बमुश्किल ही निकाल पाई। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि मामले में कोई अनहोनी भी हो सकती थी। हालांकि अभी दलित नेता दौलत कुंवर तथा उनके परिवार की गुमशुदगी भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती ब न गई है।
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