शिक्षकों से गलत सवाल पूछ अपनी फजीहत करा बैठे शिक्षा मंत्री
स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षकों के साथ ही बच्चों की भी क्लास ली। उन्होंने शिक्षकों से सवाल भी पूछे। साथ ही गलत सवाल पूछकर फजीहत करा बैठे।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शहीद नरपाल सिंह राजकीय इंटर कॉलेज थानो पहुंचकर शिक्षक के रूप में विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों की भी क्लास ली। लेकिन, हनक में शिक्षा मंत्री रसायन की शिक्षिका से गणित का सामान्य सवाल भी गलत पूछ गए। बाद में यह मामला तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया पर शिक्षा मंत्री के अंदाज पर तीखी टिप्पणियां की गईं।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय सुबह राजकीय इंटर कॉलेज थानो पहुंचे। मंत्री के पहुंचने से कॉलेज में हड़कंप मच गया। उन्होंने कॉलेज में कक्षाओं का भी मुआयना किया। कुछ कक्षाओं में शिक्षकों को गाइड से पढ़ाता देख शिक्षा मंत्री खफा हो गए। उन्होंने कहा कि गाइड से विद्यालयों में नहीं पढ़ाने की हिदायत दी जा चुकी है। इसके बावजूद गाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने गाइड का इस्तेमाल बंद करने की चेतावनी दी।
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर राजकीय विद्यालयों में सामान्य अंग्रेजी बोलचाल के 75 वाक्यों के इस्तेमाल को प्रेरित किया जा रहा है। मंत्री ने इन वाक्यों के बारे में भी छात्र-छात्राओं से पूछा।
कक्षाओं के मुआयने के दौरान शिक्षा मंत्री शिक्षक की भूमिका में आ गए। उन्होंने विभिन्न कक्षाओं में पहले विद्यार्थियों और फिर शिक्षकों के विषय ज्ञान को परखने लगे। लेकिन परखने के इस अंदाज में वह खुद ही गच्चा भी खा गए।
एक कक्षा में पढ़ा रहीं रसायन विज्ञान की शिक्षिका से शिक्षा मंत्री ने रसायन विज्ञान का सवाल पूछ डाला। भरी क्लास में मंत्री ने विज्ञान की शिक्षिका से पूछा बताइये, माइनस प्लस माइनस क्या होता है। शिक्षिका इस अटपटे सवाल पर उलझ गईं। लेकिन मंत्री ने फिर वही दोहराया तो शिक्षिका ने कहा कि माइनस प्लस माइनस माइनस ही होगा।
इस जवाब से मंत्री खफा हो गए। उन्होंने जोर देकर कहा, माइनस प्लस माइनस प्लस होता है। यही नहीं उन्होंने बकायदा इसे ब्लैक बोर्ड पर लिखकर भी बताया। दरअसल, मंत्री दो ऋण संख्याओं के जोड़ के बारे में पूछने के फेर में खुद ही गलत तरीके से व्याख्या तो कर ही बैठे, गलत पर ही जोर भी देने से नहीं चूके।
यही नहीं बाद में मंत्री ने उनसे विज्ञान विषय की पुस्तक के चौथे चैप्टर का नाम पूछ लिया। शिक्षिका के जवाब से खफा मंत्री ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, बहनजी, महिला हो इसलिए छोड़ रहा हूं।
शिक्षा मंत्री का यह रुख शिक्षकों में रोष का सबब बन गया। इसे शिक्षिका को अपमानित करने की कोशिश करार दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर शिक्षा मंत्री के सवाल पूछने का वीडियो वायरल हुआ तो उस पर तीखी टिप्पणियों की झड़ी लग गई।
फेसबुक वॉल पर भी शिक्षकों ने जमकर टिप्पणियां कीं। उधर, शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह 15 दिन बाद फिर कॉलेज का मुआयना करेंगे। टेस्ट में विद्यार्थी फेल हुए तो शिक्षकों को फेल समझा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने नजदीक में ही जूनियर हाईस्कूल का मुआयना भी किया। वहां की व्यवस्था चाक-चौबंद देख मंत्री संतुष्ट दिखे।
फेसबुक पर वॉल पर ऐसी हैं टिप्पणियां
-शिक्षा मंत्री जी शिक्षकों को बेइज्जत करने का काम कर रहे हैं। ड्रेस पर बात तो बनी नहीं, कुछ नया करने की सोच रहे हैं।
-पहले ड्रेस कोड फिर ट्रांसफर नियमावली और अब ऋण धन के जाल में पड़ गए हैं शिक्षा मंत्री जी। अबकी बार बाहर निकलना मुश्किल है।
-आर्य भट्ट हाजिर हों...तुम सही टाइम में निकल लिए गुरू.. नहीं तो दिक्कत हो जाती।
-कैमिस्ट्री टीचर से मैथेमेटिक्स के सवाल पूछने वाले मंत्री जी की जय हो।
-जिसका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे।
-मंत्री जी टीचर नेता तो बन सकता है पर नेता टीचर नहीं।
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