नवरात्र आज से, पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
चैत्र नवरात्र आज से शुरू हो रहे हैं। पहले दिन घटस्थापन के साथ माता के शैलपुत्री रूप की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्रों को लेकर शहर के तमाम मंदिर भव्य सजाए गए हैं। मंदिरों में हर दिन भजन-कीर्तन भी होंगे।
देहरादून। चैत्र नवरात्र आज से शुरू हो रहे हैं। पहले दिन घटस्थापन के साथ माता के शैलपुत्री रूप की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्रों को लेकर शहर के तमाम मंदिर भव्य सजाए गए हैं। मंदिरों में हर दिन भजन-कीर्तन भी होंगे।
आचार्य संतोष खंडूड़ी के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र आठ दिन के होंगे। तृतीय नवरात्र का क्षय हो रहा है। नवरात्र आठ अप्रैल से शुरू होकर 15 अप्रैल तक हैं। प्रतिपदा गुरुवार को शाम चार बजकर 52 मिनट पर शुरू हो गई। शुक्रवार को प्रथम नवरात्र दोपहर एक बजकर सात मिनट तक होगा। दूसरा नवरात्र शनिवार को रात 9 बजकर 24 मिनट तक और तृतीय रविवार तड़के पांच बजकर 58 मिनट तक होगा। इसके बाद चौथा नवरात्र लग जाएगा। रामनवमी का पर्व 15 अप्रैल को मनाया जाएगा।
घटस्थापन का अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11.54 से 12.43 बजे तक
इंद्रियों पर रखें नियंत्रण
उपवास में प्रत्येक दिन विभिन्न इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए। इसमें शैलपुत्री का रूप वाणी पर नियंत्रण, ब्रह्माचारिणी का रूप ब्रह्माचर्य का पालन करना, चंद्रघंटा का रूप सच्ची व स्वच्छ बातों का श्रवण करना, कुष्मांडा का रूप भोजन आदि पर नियंत्रण, स्कंदमाता का रूप नेत्र पर नियंत्रण, कात्यायनी का रूप विचारों में नियंत्रण करना सिखाता है। कालरात्रि के रूप में माता भक्तों को काल पर नियंत्रण करने, महागौरी व्रती के अहंकार की प्रवृति समाप्त करने और सिद्धीदात्री के रूप में माता हर कार्य सिद्ध करने का आशीर्वाद देती है।
ऐसे करें घटस्थापन
सामान्य मिट्टी के बर्तन या ताम्र बर्तन में कलश की स्थापना कर सकते हैं। अखंड जोत करने वाले श्रद्धालु कलश स्थापना में दो नारियल, इसमें से एक कलश के ऊपर तथा दूसरा अखंड ज्योत के पास रखें। पहले मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें हरियाली के प्रतीक जौं बोएं। इसके बाद कलश को विधिपूर्वक स्थापित करें। मां की प्रतिमा स्थापित और पूजन करने से पहले भगवान गणेश का पूजन करें। प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
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