देहरादून में जिला प्रशासन की पहल, सरकारी मुलाजिम शनिवार को बोले नो कार डे
शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने और प्रदूषण कम करने को जिला प्रशासन ने आज से सरकारी मुलाजिमों के लिए 'नो कार डे' घोषित कर दिया है। शहर के सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को परेड मैदान में कार खड़ी कर ऑफिस पैदल गए।
देहरादून। शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने और प्रदूषण कम करने को जिला प्रशासन ने आज से सरकारी मुलाजिमों के लिए 'नो कार डे' घोषित कर दिया है। शहर के सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को परेड मैदान में कार खड़ी कर ऑफिस पैदल गए।
जिलाधिकारी रविनाथ रमन की तरफ से बीते रोज शाम जारी अपील में कहा गया है कि यह स्वैच्छिक कार्यक्रम है। जो भी चाहे इसमें शामिल हो सकता है। प्रशासन के मुताबिक ये व्यवस्था हर शनिवार के लिए जारी रहेगी। दरअसल, जिला प्रशासन बीते कुछ दिनों से शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए नए प्रयोगों पर काम कर रहा है।
इसी क्रम में ऑड-इवन की तैयारी भी की जा रही थी, लेकिन फिलहाल इसे बीच में रोक दिया गया है। अब नई कार्ययोजना के तहत हर शनिवार सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए घोषित किया गया है। जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि इसमें कोई जबरदस्ती नहीं है।
अपनी इच्छानुसार आप सोच सकते हैं। ऐसा भी नहीं है कि अगर कोई कार्यालय में कार लेकर आया तो उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी की अपील के बाद सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप है।
आज सुबह साढ़े नौ बजे से अधिकारियों व कर्मचारियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। जिनके दफ्तर जिला मुख्यालय के पास हैं वे दफ्तर तक पैदल ही गए। दोपहर जिलाधिकारी रविनाथ रमन भी परेड मैदान से अपने कार्यालय तक के आधा किलोमीटर का सफर तय कर पैदल गए।
एडीएम (प्रशासन) प्रताप सिंह शाह तो डालनवाला से अपने घर से पैदल ही दफ्तर पहुंचे। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्रा, उप जिलाधिकारी एनएस डांगी ने पहले परेड ग्राउंड में अपनी कार खड़ी की और वहां से वे पैदल कार्यालय गए।
पत्रकारों से बातचीत में सिटी मजिस्ट्रेट ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि आज पहला दिन था और अधिकारियों को भी देरी से सुचना दी गई, लेकिन अगले शनिवार से व्यवस्था को सही ढंग से लागू किया जाएगा।पढ़ें:-हरियाणा से महिला का पीछा करते ऋषिकेश आया पड़ोसी, होटल में अकेला देख कर किया दुष्कर्म, पढ़ें खबर..