आस्था मौसम के बदलते मिजाज के आगे भारी, 4.83 लाख श्रद्धालु पहुंचे बदरी-केदार के द्वार
चारधाम सहित श्रीहेमकुंड साहिब की यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था मौसम के बदलते मिजाज के आगे भारी पड़ रही है। यात्रा मार्गों पर कई स्थानों पर वर्षा के बावजूद यात्रा जारी है।
By sunil negiEdited By: Updated: Mon, 06 Jun 2016 12:23 PM (IST)
ऋषिकेश, जेएनएन (देहरादून)। चारधाम सहित श्रीहेमकुंड साहिब की यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था मौसम के बदलते मिजाज के आगे भारी पड़ रही है। यात्रा मार्गों पर कई स्थानों पर वर्षा के बावजूद यात्रा जारी है। बदरी-केदार धाम में अब तक चार लाख 83 हजार 675 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
पढ़ें:-देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों तक भी पहुंचेगी रेलचारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में विभिन्न धामों पर जाने वाले यात्रियों की उपस्थिति उल्लास बिखेर रही है। धामों के दर्शन के लिए बेताब श्रद्धालु यहां पंजीकरण के लिए पेड़ की छांव में बैठकर निश्चिंतता के साथ अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।
बीती शाम वर्षा के बावजूद यात्रा पर जाने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पंजीकरण कराने पहुंचे। यात्रा मार्गों पर वर्षा के बावजूद यात्रा निर्विघ्न जारी है। बीती सायं पांच बजे तक बदरी-केदार धाम में 16 हजार श्रद्धालु पहुंच चुके थे।
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बदरीनाथ में अब तक दो लाख 95 हजार 713 और केदारनाथ में एक लाख 87 हजार 962 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। दोनों धामों में कपाट खुलने से लेकर अब तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा चार लाख 83 हजार 675 पार कर गया है। सभी धामों पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी अब तक संतोषजनक है।
बदरीनाथ में अब तक दो लाख 95 हजार 713 और केदारनाथ में एक लाख 87 हजार 962 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। दोनों धामों में कपाट खुलने से लेकर अब तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा चार लाख 83 हजार 675 पार कर गया है। सभी धामों पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी अब तक संतोषजनक है।
पढ़ें- केदारनाथ यात्रा के लिए समय में ढील, ज्यादा लोग कर सकेंगे दर्शन त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम के सभी 16 केंद्रों में बीती शाम पांच बजे तक तीन लाख 33 हजार 853 श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जा चुका है। सभी केंद्रों में छह हजार यात्री पंजीकृत किए गए। यात्रा में संयुक्त रोटेशन की बसों की मांग पहले से घटी है, लेकिन यात्री संख्या में कोई कमी नहीं आई है।
इसका प्रमुख कारण यह है कि अन्य प्रांतों से पर्वतीय क्षेत्र के मानकों को पूरा करने वाली बसों की संख्या यहां बढ़ी है। एआरटीओ डॉ. अनिता चमोला ने बताया कि अन्य प्रांतों से आने वाले वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने की संख्या पिछले कुछ दिनों में बढ़ गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इसका प्रमुख कारण यह है कि अन्य प्रांतों से पर्वतीय क्षेत्र के मानकों को पूरा करने वाली बसों की संख्या यहां बढ़ी है। एआरटीओ डॉ. अनिता चमोला ने बताया कि अन्य प्रांतों से आने वाले वाहनों को ग्रीन कार्ड जारी करने की संख्या पिछले कुछ दिनों में बढ़ गई है।