उत्तराखंड में हिम तेंदुओं की संख्या का जल्द चलेगा पता
भारतीय वन्यजीव संस्थान अप्रैल तक हिम तेंदुए मल के नमूनों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। इससे पता चल जाएगा कि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कितने हिम तेंदुए हैं।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 18 Feb 2017 06:00 AM (IST)
देहरादून, [केदार दत्त]: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कितने हिम तेंदुए हैं, इस रहस्य से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा। हिम तेंदुओं की उपस्थिति का पता लगाने के लिए मल के जो नमूने लिए गए थे, उनकी जांच अंतिम चरण में है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) अप्रैल तक इन नमूनों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। वहीं, वन विभाग का कहना है कि इससे सूबे में हिम तेंदुओं का आंकड़ा सामने आने पर इनके संरक्षण और वासस्थल विकास के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी।
राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की उपस्थिति तो जगह-जगह लगे कैमरा ट्रैप में तस्वीर कैद होने से पुष्ट होती रही है। लेकिन, अभी तक यह मालूम नहीं है कि आखिर यहां हिम तेंदुओं की संख्या है कितनी। इसे देखते हुए जून 2015 में वन विभाग ने ट्रांस हिमालयन क्षेत्र की 16 घाटियों में सर्वे कराया।यह भी पढ़ें: गजराज से गुलजार हुई राजाजी टाइगर रिजर्व की गौहरी रेंज
इस दरम्यान, विभिन्न स्थानों पर मल आदि के जरिये हिम तेंदुओं की मौजूदगी के प्रमाण तो मिले, लेकिन सर्वे टीमों को हिम तेंदुओं के प्रत्यक्ष दीदार नहीं हो सके। अलबत्ता, ट्रांस हिमालयन क्षेत्र से हिम तेंदुओं के मल आदि के लगभग 200 नमूने एकत्रित किए गए। बाद में वन विभाग ने ये नमूने जांच के लिए डब्ल्यूआइआइ को भेज दिए गए। संस्थान में इन नमूनों की डीएनए जांच चल रही है।यह भी पढ़ें: बाघों की बादशाहत को युवराज दे रहे चुनौती
जल्द पता चल जाएगा कितने हिम तेंदुए हैंअपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ.धनंजय मोहन का कहना है कि अभी यह मालूम नहीं है कि राज्य में कितने हिम तेंदुए हैं। ट्रांस हिमालयन सर्वे के दौरान लिए गए मल के नमूनों की जांच डब्ल्यूआइआइ में अब अंतिम चरण में है। जल्द ही इससे एक संख्या सामने आ जाएगी।यह भी पढ़ें: कभी टिहरी नरेश का था कार्बेट नेशनल पार्क, जानिए पार्क के कुछ और रोचक तथ्यडीएनए की जांच थोड़ी जटिल है, जिसमें वक्त लगतादेहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एस सत्यकुमार का कहना है कि यह जांच थोड़ी जटिल है, जिसमें वक्त लगता है। हालांकि, इन दिनों मल के नमूनों की डीएनए जांच चल रही है। कोशिश है कि मार्च आखिर तक इसे पूरा कर अपै्रल में रिपोर्ट सौंप दी जाए।यह भी पढ़ें: कार्बेट और राजाजी पार्क में सालों बाद हाथी की सवारी
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