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उत्तराखंड के कार्बेट पार्क में होगी जैविक खेती

संयुक्त राष्ट्र संघ का खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) उत्तराखंड में जैविक खेती के विस्तार के लिए 40 करोड़ लागत की परियोजना शुरू करने जा रहा है। इसके लिए कार्बेट पार्क को चुना गया है।

By BhanuEdited By: Updated: Sat, 23 Jul 2016 12:05 PM (IST)

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: संयुक्त राष्ट्र संघ का खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) उत्तराखंड में जैविक खेती के विस्तार के लिए 40 करोड़ लागत की परियोजना शुरू करने जा रहा है। देश-विदेश में उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए एफएओ ने इस परियोजना के लिए देश के पांच राज्यों में उत्तराखंड को भी शामिल किया है।
उत्तराखंड में यह महत्वाकांक्षी परियोजना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त जिम कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में धरातल पर उतारी जाएगी। भारत में एफओए के प्रतिनिधि श्याम खड़का ने इस बाबत मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। एफएओ के प्रतिनिधि श्याम खड़का से मुलाकात में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनकी इस पहल की सराहना की।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन्नतशील बीज प्रजातियों के लिए देश में अग्रणी राज्य है। राज्य के कई पारंपरिक बीजों को बचाना बेहद जरूरी है, ताकि प्रदेश की यह धरोहर बची रह सके। श्याम खड़का ने बताया कि उत्तराखंड के जैविक उत्पाद की देश विदेश में मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी ब्रांडिंग करने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि एफएओ देश के पांच राज्यों उत्तराखंड, राजस्थान, मिजोरम, मध्य प्रदेश व उड़ीसा में यह पहल करने जा रहा है। पांच राज्यों में इस परियोजना पर करीब 3.70 करोड़ डॉलर का अनुमानित व्यय होना है।
उत्तराखंड में जिम कार्बेट नेशनल पार्क की उत्तरी ढलान के पहाड़ी व तराई क्षेत्र में योजना लागू की जाएगी। दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग से खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। भारत के मैदानी क्षेत्रों से ऊपरी भागों की ओर खेती का रुझान बढ़ेगा। कृषि पर वैज्ञानिक शोध तो हुए, लेकिन खास तौर पर पर्वतीय खेती के बारे में ठोस योजना कृषि वैज्ञानिकों द्वारा नहीं बनाई गई। ऐसे में एफओए उत्तराखंड में इस परियोजना को लेकर खासतौर पर उत्साहित है।

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इससे पूर्व सचिवालय में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह व पूर्व मुख्य सचिव डॉ. आरएस टोलिया की मौजूदगी में विभिन्न विभागों के साथ भी एफएओ प्रतिनिधि श्याम खड़का ने परियोजना के संबंध में विस्तृत चर्चा की। बैठक में परियोजना पर सैद्धांतिक सहमति बनी। साथ ही, कृषि विभाग को इसके लिए नोडल विभाग तय किया गया।
वन विभाग, कार्बेट नेशनल पार्क प्राधिकरण, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जैव विविधता बोर्ड आदि भी इस परियोजना में सहयोग करेंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी, अपर सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी, ज्योति नीरज खैरवाल आदि मौजूद थे।
समुदाय आधारित होगी खेती
संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन की इस परियोजना के तहत जिम कार्बेट पार्क क्षेत्र में समुदाय आधारित जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें खासतौर पर उत्तराखंड के पारंपरिक व उन्नत बीजों के संरक्षण की दिशा में भी प्रयोग किए जाएंगे।
साथ ही, वनक्षेत्रों के आसपास बसावटों में विकराल रूप धारण कर रही मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रभावी समाधान तलाशने पर भी फोकस किया जाएगा। कार्बेट पार्क में एफओए का यह प्रयोग सफल रहा, तो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बंजर होते कृषिभूमि के रकबे को फिर से सरसब्ज करने में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि, यह परियोजना सात वर्ष की अवधि तक संचालित की जानी है।
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