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भूकंप का पूर्वानुमान 10 सालों में संभव: डॉ. हर्ष गुप्ता

जिस तरह विश्वभर में भूकंप के पूर्वानुमान पर शोध किए जा रहे हैं, उससे यह उम्मीद है कि अगले 10 सालों में भूकंप का पूर्वानुमान संभव हो पाएगा।

By sunil negiEdited By: Updated: Thu, 02 Jun 2016 12:08 PM (IST)

देहरादून। महाराष्ट्र के कोयना बांध क्षेत्र में चार रिक्टर स्केल तक भूकंप की सफल भविष्यवाणी में महारत हासिल कर चुके नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ विज्ञानी पद्मश्री प्रो. हर्ष गुप्ता ने भूकंप की भविष्यवाणी को बेहद चुनौती बताया। हालांकि, उन्होंने संभावना व्यक्त की कि जिस तरह विश्वभर में भूकंप के पूर्वानुमान पर शोध किए जा रहे हैं, उससे यह उम्मीद है कि अगले 10 सालों में भूकंप का पूर्वानुमान संभव हो पाएगा।

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वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय जियो-रिसर्च स्कॉलर्स मीट में प्रो. हर्ष गुप्ता ने कहा कि जब तक भूकंप की पुख्ता भविष्यवाणी संभव नहीं, तब तक सुरक्षा के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

उन्होंने नेपाल भूकंप का उदाहरण रखते हुए कहा कि वहां 90 से अधिक सुरक्षित स्थान चिह्नित किए गए हैं। इसी कारण वहां बेहद उच्च क्षमता के भूकंप के बावजूद मृत्यु दर उतनी अधिक नहीं रही। उन्होंने सुझाव दिया कि देश में भी इस तरह के सुरक्षित स्थान चिह्नित करने के साथ ही अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किए गए जाने की जरूरत है।

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वाडिया संस्थान के निदेशक प्रो. एके गुप्ता ने कहा कि यह देश का पहला ऐसा सेमिनार है, जिसमें देशभर के जियो रिसर्चर को एकजुट किया गया है। यही लोग भविष्य के वैज्ञानिक हैं और इस सेमिनार का लाभ ज्ञान के आदान-प्रदान में जरूर मिलेगा। सेमिनार के पहले दिन 11 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में प्रो. एसके टंडन, राजीव सिन्हा, डॉ. प्रवीण कुमार मिश्रा, डॉ. एसके पार्चा आदि उपस्थित रहे।

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