छह पावरहाउस की टरबाइन थमी, बिजली संकट गहराया
By Edited By: Updated: Tue, 29 Jul 2014 09:46 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: सोमवार को कालागढ़ जलविद्युत परियोजना ठप रही, जबकि सूबे में पांच पावर हाउस में दो से छह घंटे तक उत्पादन ठप रहने और तीन अन्य में क्षमता से कम उत्पादन होने के कारण बिजली संकट गहरा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां तीन घंटे से ज्यादा कटौती हुई वहीं बिजली कटौती की मार से नॉन कंटीन्युअस इंडस्ट्री भी नहीं बच सकी। एनटीपीसी से 150 मेगावाट बिजली लेने के बावजूद कटौती का सिलसिला जारी रहा। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में जहां तीन घंटे से ज्यादा कटौती हुई वहीं नॉन कंटीन्युअस इंडस्ट्री में कटौती की मार से नहीं बच सकी।
भारी बारिश के कारण सूबे के तमाम जलविद्युत गृहों में टरबाइनों के थमने से बिजली उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सोमवार को कालागढ़ जलविद्युत परियोजना में बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप रहा। छिबरो, खोदरी, ढकरानी, ढालीपुर और कुल्हाल में सिल्ट आने से पांच जलविद्युत गृह दो से छह घंटे तक बंद रहे। इसके अलावा, तीन जलविद्युत गृहों से 434 मेगावाट की जगह 238 मेगावाट ही बिजली मिल सकी, जिससे बिजली की कमी हो गई। एनटीपीसी से 150 मेगावाट बिजली लेने के बावजूद बिजली की पूर्ति नहीं हो सकी, जिससे कटौती करनी पड़ी। गढ़वाल और उधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन घंटे बिजली कटौती की गई जबकि सिडकुल, हरिद्वार और पंतनगर की नॉन कंटीन्युअस इंडस्ट्री में आधा घंटे की कटौती की गई। बिजली की मांग 34.24 मिलियन यूनिट थी जबकि केंद्रीय और अन्य स्रोतों से मिलाकर 32.68 मिलियन यूनिट ही बिजली मिल सकी। कुल उत्पादन 15.06 मिलियन यूनिट हुआ। ऊर्जा निगम के प्रवक्ता मधुसूदन ने बताया कि हिमाचल से मंगलवार को 2.5 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी। बिजली उत्पादन का ब्योरा जलविद्युत गृह-क्षमता-उत्पादन-कमी
खटीमा-40-18-22 मनेरी भाली प्रथम-90-30-80
मनेरी भाली द्वितीय-304-190-114 (नोट: उत्पादन और क्षमता दोनों मेगावाट में हैं।) एक माह ठप रहेगा मनेरी भाली प्रथम देहरादून: 90 मेगावाट क्षमता वाले मनेरी भाली प्रथम जलविद्युत गृह में एक अगस्त से 31 अगस्त तक बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप रहेगा, जिससे सूबे में बिजली संकट और गहराने की आशंका है। बारिश के चलते पहले ही तमाम जलविद्युत गृहों में क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है। जलविद्युत निगम के एमडी जीपी पटेल के अनुसार मनेरी भाली प्रथम में कुछ मरम्मत का काम होना है,जिसके चलते इसे बंद किया जा रहा है। इससे प्रदेश में 90 मेगावाट बिजली का कम उत्पादन होगा।
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