मानक शिथिल कर उत्तराखंड में चार नए जिलों की संस्तुति
नए जिलों के गठन के लिए बनी समिति ने प्रारंभिक रूप से चार नए जिलों के गठन की ही संस्तुति की है। इनमें कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट के नाम शामिल हैं।
देहरादून, [विकास धूलिया]: उत्तराखंड में नए जिलों के गठन का मसला हालांकि अब पूरी तरह सियासी रंग ले चुका है। चर्चा आठ नए जिलों के गठन की है, मगर नए जिलों के गठन के लिए बनी समिति ने प्रारंभिक रूप से चार नए जिलों के गठन की ही संस्तुति की है। इनमें कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट के नाम शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि समिति ने नए जिले बनाने के लिए वर्ष 1992 में निर्धारित आबादी और क्षेत्रफल समेत तमाम मानकों को काफी शिथिल कर दिया है।
उत्तराखंड में नए जिलों की मांग हालांकि काफी पुरानी है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को नया जिला बनाने की घोषणा की।
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इसका शासनादेश भी हो गया, मगर वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता से बेदखली के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। सत्ता में आई कांग्रेस ने नए जिलों के गठन के लिए आयुक्त गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति ने राज्य में नए जिलों के गठन के लिए पूर्व में निर्धारित मानकों को शिथिल करने का निर्णय लिया।
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सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन द्वारा आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है। पहले वर्ष 1991 की जनगणना के आधार पर नए जिले के लिए न्यूनतम 15 लाख की आबादी का मानक था, जिसे अब डेढ़ से दो लाख कर दिया गया है।
इसी तरह न्यूनतम पांच हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल के मानक को एक लाख हेक्टेयर, विकासखंडों की न्यूनतम संख्या को 10 से तीन, थानों की संख्या न्यूनतम 12 से तीन और लेखपालों की न्यूनतम संख्या 300 से घटाकर 50 कर दी गई है।
इन मानकों के आधार पर समिति ने पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, अल्मोड़ा जिले में रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट को नया जिला बनाने की संस्तुति कर दी। आरटीआइ में यह जानकारी इसी वर्ष 29 फरवरी को हुई समिति की बैठक के आधार पर दी गई है।
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गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने राज्य में कुल नए आठ जिलों के गठन की बात कही थी। तब प्रस्तावित आठ जिलों में उक्त चार जिलों के अलावा रामनगर, काशीपुर, रुड़की और ऋषिकेश के भी नाम शामिल थे।
इस परिप्रेक्ष्य में माना जा रहा है कि सरकार नए जिलों की घोषणा चारणबद्ध तरीके से कर सकती है और पहले चारण में चार नए जिले घोषित किए जा सकते हैं। हालांकि यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए खासा मुश्किल फैसला हो सकता है क्योंकि कई कांग्रेस विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में नए जिलों की मांग उठा चुके हैं।
प्रस्तावित नए जिलों का स्वरूप
1-कोटद्वार
क्षेत्रफल------142578.151 हेक्टेयर
जनसंख्या----365850
तहसील-------लैंसडौन, सतपुली, कोटद्वार, धुमाकोट, यमकेश्वर।
ब्लॉक---------------06
थानों की संख्या---06
पटवारी/ लेखपाल क्षेत्रों की संख्या---109
नगर पालिका/ नगर पंचायतों की संख्या---03
2-यमुनोत्री
क्षेत्रफल---------------283898.725 हेक्टेयर।
जनसंख्या------------138559
तहसील-----------बड़कोट, पुरोला, मोरी।
ब्लॉक-----------------03
थानों की संख्या-----03
पटवारी/ लेखपाल क्षेत्रों की संख्या-----45
नगर पालिका/ नगर पंचायतों की संख्या---03
3-रानीखेत
क्षेत्रफल----------------139686.734 हेक्टेयर।
जनसंख्या--------------322408
तहसील---------------रानीखेत, सल्ट, भिकियासैंण, द्वाराहाट, चौखुटिया, स्याल्दे।
ब्लॉक------------------------08
थानों की संख्या-------------05
पटवारी/ लेखपाल क्षेत्रों की संख्या---120
नगर पालिका/नगर पंचायतों की संख्या----03
4-डीडीहाट
क्षेत्रफल----------------81304.014 हेक्टेयर।
जनसंख्या-------------163196
तहसील---------------डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी, थल, बंगापानी
थानों की संख्या-------10
पटवारी/ लेखपाल क्षेत्रों की संख्या-----54
नगर पालिका/नगर पंचायतों की संख्या---02
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