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रोडवेज कर्मियों का एलान, 19 की मध्य रात्रि से थमेंगे बसों के पहिये

कैबिनेट बैठक में रोडवेज कर्मियों को सातवां वेतनमान देने की मांग को मंजूरी नहीं मिलने से रोडवेज कर्मी खफा हैं। कर्मियों ने 19 सितंबर की मध्यरात्रि से हड़ताल का एलान किया है।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 08 Sep 2017 08:45 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों का एलान, 19 की मध्य रात्रि से थमेंगे बसों के पहिये

देहरादून, [जेएनएन]: सातवें वेतनमान व अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने 19 सितंबर की आधी रात से प्रदेशभर में बेमियादी हड़ताल पर जाने का एलान किया है। सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्मियों ने कहा कि सरकार ने पिछले महीने हुई समझौता वार्ता में 25 अगस्त तक सातवां वेतनमान देने का वादा किया था। मगर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी नहीं दी गई। ऐसे में समस्त रोडवेज कर्मी 19 सितंबर की रात से हड़ताल और चक्का जाम पर अडिग हैं। 

सातवें वेतनमान की मांग पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गत तीन अगस्त को महारैली निकालकर सचिवालय घेराव का एलान किया था, लेकिन सरकार ने एक दिन पहले कर्मचारियों को मना लिया। फिर कर्मचारी 13 अगस्त से हड़ताल पर जा रहे थे, मगर सरकार ने उन्हें फिर भरोसा देकर मना लिया। 

परिषद के प्रांतीय महामंत्री रामचंद्र रतूड़ी की ओर से सचिव परिवहन को गुरुवार को भेजे नोटिस में साफ संकेत दिए गए हैं कि कर्मचारी इस मर्तबा सरकार के झांसे में नहीं आएंगे। परिषद का आरोप है कि सरकार बार-बार समझौता वार्ता कर आंदोलन स्थगित करा देती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। 

कर्मचारी यूनियन भी आई साथ

सातवें वेतनमान की लड़ाई को लेकर रोडवेज यूनियनों में एका दिखाई दे रही है। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने भी बेमियादी हड़ताल को समर्थन देकर इसमें शामिल होने की बात कही है। यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सातवें वेतनमान की समस्या का हल अब व्यापक आंदोलन से निकलेगा। 

दूसरी ओर, उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री रवि पचौरी ने कहा कि उनकी यूनियन राज्य निगम, निकाय, जल संस्थान, विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत कर्मचारी महासंघ से संबद्ध है। महासंघ ने विरोध में 19 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल का एलान किया है। इसलिए उनकी यूनियन 19 को हड़ताल पर रहेगी। 

रोडवेज कर्मियों की मांगें

-राज्य कर्मियों की तरह रोडवेज में भी सातवां वेतनमान दिया जाए।

-विशेष श्रेणी के कर्मियों को संविदा में परिवर्तित किया जाए।

-सेवानिवृत्त व कार्यरत कर्मियों के देय का तत्काल भुगतान हो।

-मृत कर्मियों के आश्रितों को लंबित देय का भुगतान किया जाए।

-राज्य कर्मियों की तरह निगम कर्मियों को पदनाम के अनुरूप वेतन का लाभ दें।

-परिवहन निगम के संगठनात्मक ढांचे का पुनर्गठन किया जाए।

-सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के 49 करोड़ और आपदा के 22 करोड़ रुपये का तत्काल भुगतान किया जाए।

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