बिना परमिट उत्तराखंड में नहीं चल पाएंगी दूसरे राज्यों की रोडवेज बसें
हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को बिना परमिट दौड़ रहे सभी वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है। इस क्रम में दूसरे राज्यों से आने वाली रोडवेज बसें भी दायरे में आ गई हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: निजी बस ऑपरेटरों की याचिका पर हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को बिना परमिट दौड़ रहे सभी वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया है। इस क्रम में दूसरे राज्यों से आने वाली रोडवेज बसें भी दायरे में आ गई हैं। अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने सभी आरटीओ व एआरटीओ को अपने क्षेत्रों में चेकिंग कर ऐसे वाहनों को सीज करने का आदेश दिया है।
विकासनगर-डाकपत्थर रूट के प्रधान राम कुमार सैनी बिना परमिट संचालित हो रहे वाहनों के विरुद्ध हाईकोर्ट गए थे। इस पर हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को परमिट के बिना संचालित हो रहे वाहनों पर रोक लगाने और परमिट शर्तों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए।
आदेशों के क्रम में सचिव परिवहन डी सेंथिल पांड्यिन ने परिवहन मुख्यालय में अधिकारियों संग बैठक कर पूरे सूबे में अभियान चलाने के निर्देश दिए। मुख्यालय के आदेश पर दून आरटीओ सुधांशु गर्ग ने भी अपने संभाग के लिए आदेश जारी कर दिए। आदेश में उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब परिवहन निगम की बसों के परमिट जांचने को भी कहा गया। इसके साथ ही विक्रमों, ऑटो, टैक्सी-मैक्सी के परमिट जांचने व डग्गामार वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश भी दिए गए।
सुविधा केंद्र की शुरूआत
आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने आने वाले आवेदकों के लिए सुविधा केंद्र की शुरूआत की गई। परिसर में एक हॉल बनाया गया है, जिसमें टीवी पर यातायात नियमों का पाठ पठाया जाएगा और वहीं पर आवेदकों के बॉयोमेट्रिक व फोटो ली जाएगी। उन्हें लाइन में नहीं खड़े रहना पड़ेगा। लिखित परीक्षा भी वहीं होगी और हॉल में पानी व शौचालय की सुविधा भी मिलेगी। आरटीओ सुधांशु गर्ग समेत आरआइ आलोक कुमार ने पहले दिन हॉल में परीक्षा खुद ली।
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