उत्तराखंड: राज्यपाल ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट,राजनैतिक हालात का किया जिक्र
उत्तराखंड राज्यपाल केके पॉल ने केंद्र को राज्य के राजनैतिक हालात पर रिपोर्ट भेजी है। सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में विनियोग विधयक पर मतदान के दौरान हंगामा और 18 मार्च की रात भाजपा तथा कांग्रेस के कुल 35 विधायकों के राजभवन में परेड का जिक्र किया।
देहरादून। उत्तराखंड राज्यपाल केके पॉल ने केंद्र को राज्य के राजनैतिक हालात पर रिपोर्ट भेजी है। सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट में विनियोग विधयक पर मतदान के दौरान हंगामा और 18 मार्च की रात भाजपा तथा कांग्रेस के कुल 35 विधायकों के राजभवन में परेड का जिक्र किया गया है। उत्तराखंड के राजनीतिक हालात पर जानकारी देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति से मिले। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा राज्य में चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटी है।उन्होंने कहा कि धनबल की मदद से भाजपा जनादेश का अपमान कर रही है। वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार को विश्वासमत हासिल करने के लिए 28 मार्च का समय दिया गया है जिसका इंतजार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री हारीश रावत का पलटवार, बागियों के साथ केंद्र सरकार को लपेटामुख्यमंत्री हरीश रावत ने विश्वासमत हासिल करने का दावा करते हुए केंद्र सरकार और कांग्रेस के बागी नेताओं पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र की महाबली सरकार ने ही उत्तराखंड में अस्थिर सियासी हालत पैदा किए हैं। कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ा गया। कांग्रेस के जो बागी नेता उन पर आरोप लगा रहे हैं वह इस मामले में जल्द ही उन नेताओं का कच्चा चिट्ठा सार्वजनिक करेंगे।
देहरादून में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत के तेवर तल्ख ही नहीं दिखे, बल्कि सियासी कूटनीति भी उनके जवाबों में खूब दिखाई दी। उन्होंने बागी विधायकों के आरोपों का जवाब सिलसिलेवार अपना बचाव करते हुए दिया। उन्होंने कहा कि खनन को लेकर मुझ पर आरोप लगाए, जबकि वस्तुस्थिति यह है कि उनसे पहले मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा के समय में सैकड़ों खनन के पट्टे नियम कानूनों को ताक पर रखकर जारी किए गए। मुझ पर भूमाफिया होने का आरोप लगाया जा रहा है। जो बागी विधायक यह आरोप लगा रहे हैं उनके समेत भाजपा के नेताओं ने किस तरह सरकारी जमीनों को हासिल किया है, उसकी जल्द ही पूरी सूची जारी करेंगे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें ठंडा करके खाने की आदत है और स्वभाव भी उनका ठंडा है। इसलिए किसी पर आक्षेप लगाने के मामले में उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है।
साकेत बहुगुणा और अनिल गुप्ता छह साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित
कांग्रेस में बागी विधायकों पर संगठन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हरक सिंह रावत को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे और उनके निकटस्थ दर्जाधारी पर गाज गिरी है।
उत्तराखंड में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस ने संगठन को कमजोर करने वाले नेताओं को पर कार्रवाई का चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा और दर्जा धारी एवं कांग्रेस के महासचिव अनिल गुप्ता को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। साकेत बहुगुणा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य थे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा कांग्रेस के बागी नौ विधायकों में शामिल हैं और इन दिनों बागी विधायकों के साथ दिल्ली में हैं। एक रोज पहले मुख्यमंत्री हरिश रावत ने वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्री पद से बर्खास्त करने के साथ ही उनके दफ्तर को सील कर दिया था।
पढ़ें-उत्तराखंड में बागी MLA हरक सिंह का कार्यालय सील, सरकार पर फैसला 28 को