सचिवालय के मौजूदा कार्मिकों पर लागू नहीं डाउनग्रेड वेतन
सचिवालय सेवा के विभिन्न संवर्गों का वेतनमान कम किए जाने के विरोध में सचिवालय कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया। सीएम से वार्ता के बाद उन्हें हड़ताल खत्म कर दी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: समीक्षा अधिकारियों का वेतन कम किए जाने के सरकार के फैसले से गुस्साए सचिवालय कार्मिकों ने शुक्रवार को पूरे दिन कामकाज ठप रखा। विधानसभा में भी कामकाज नहीं हुआ। हड़ताली कर्मचारियों की पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, वित्त मंत्री प्रकाश पंत और फिर शाम को प्रभारी मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह के साथ वार्ता हुई। वार्ता में सचिवालय समेत पांच संवर्गों का वेतन डाउनग्रेड किए जाने के मसले पर मंत्रिमंडल में पुनर्विचार किए जाने और 15 दिन में अन्य मांगों का निराकरण किए जाने का आश्वासन मिलने पर सचिवालय संघ ने कार्य बहिष्कार स्थगित कर सोमवार से काम पर लौटने की घोषणा की।
प्रभारी मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह ने बताया कि सचिवालय समेत पांच संवर्गों का वेतन डाउनग्रेड किए जाने का फैसला मौजूदा कर्मचारियों और मौजूदा वेतन के आधार पर होने वाली भर्ती पर लागू नहीं होगा। भविष्य में होने वाली नई भर्तियों पर इसे लागू किया जाएगा।
मंत्रिमंडल की बीते बुधवार को हुई बैठक में वेतन विसंगति समिति की सिफारिशों को जस का तस स्वीकार करने का निर्णय लिया। समिति की सिफारिश के मुताबिक सचिवालय में समीक्षा अधिकारी समेत पांच संवर्गों के वेतन मौजूदा वेतन से कम हो गए हैं।
इससे खफा सचिवालय संघ ने शुक्रवार को सचिवालय में कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी। संघ ने पहले सुबह 9.30 बजे सचिवालय के प्रवेशद्वार पर ही कर्मचारियों को रोका। इसके बाद कर्मचारियों ने सचिवालय परिसर में प्रदर्शन भी किया। उधर, विधानसभा में भी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। इससे मंत्रालयों में कामकाज प्रभावित हुआ।
हालांकि, इस बीच सुबह ही मुख्यमंत्री के न्योते पर संघ के प्रतिनिधि वार्ता को उनके आवास पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, वित्त मंत्री प्रकाश पंत समेत शासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में वार्ता में यह सहमति बनी कि वेतन डाउनग्रेड किए जाने के मसले पर कैबिनेट में पुनर्विचार किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि शाम चार बजे प्रभारी मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह के साथ संघ की अन्य मांगों पर वार्ता कर समाधान ढूंढा जाएगा।
सचिवालय में शाम चार बजे प्रभारी मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह के साथ संघ पदाधिकारियों की तकरीबन सवा दो घंटा चली बैठक में 21 सूत्रीय मांगों पर मंथन हुआ। यह तय हुआ कि 15 दिन में मांगों का निराकरण किया जाएगा। सचिवालय प्रशासन से जुड़ी मांगों पर फैसला हफ्तेभर में होगा, जबकि वित्त व कार्मिक से संबंधित मांगों पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
इस मौके पर प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बद्र्धन, अपर सचिव बीएस मनराल व विनोद रतूड़ी के साथ ही संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव प्रदीप पपनै, उपाध्यक्ष जेपी मैखुरी, समीक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष राकेश जोशी, महासचिव जीतमणि पैन्यूली समेत कई कर्मचारी मौजूद रहे। वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत में प्रभारी मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह ने बताया कि वेतन डाउनग्रेड किए जाने का फैसले पर शासन और कर्मचारियों के बीच गलतफहमी से यह समस्या उत्पन्न हुई। डाउनग्रेड वेतन को लेकर कर्मचारी जो भी सुझाव देंगे, उन्हें वेतन विसंगति समिति के समक्ष रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: रोडवेज कर्मियों का एलान, 19 की मध्य रात्रि से थमेंगे बसों के पहिये
यह भी पढ़ें: 25000 पुलिस कर्मियों को तोहफा, मिलेगा आवासीय भत्ता