अब एसआइटी से कराई जाएगी टीडीसी बीज घोटाले की जांच
उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम (टीडीसी) में हुए 16 करोड़ रुपये के गेहूं बीज घोटाले की जांच अब विशेष जांच दल (एसआइटी) करेगा। प्रमुख सचिव उमांकांत पंवार ने आदेश जारी कर दिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड बीज एवं तराई विकास निगम (टीडीसी) में हुए 16 करोड़ रुपये के गेहूं बीज घोटाले की जांच अब विशेष जांच दल (एसआइटी) करेगा। प्रमुख सचिव उमांकांत पंवार ने इस सिलसिले में आदेश जारी कर दिए। इस बहुचर्चित प्रकरण में हाल में निगम के निलंबित मुख्य अभियंता और एमडी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए थे।
टीडीसी में गेहूं बीज घोटाला वर्ष 2015-16 के दौरान सामने आया था। प्रकरण में एक दिसंबर 2015 को टीडीसी के अधिकारियों ने अचानक तर्क दिया था कि कम जमाव क्षमता की शिकायत के कारण गेहूं के बीजों की बिक्री प्रभावित हुई और 1,56,764 कुंतल बीज बच गया है।
साथ ही उप्र बीज निगम एवं राष्ट्रीय बीज निगम की ओर से दाम घटने का हवाला देकर टीडीसी को होने वाली आर्थिक क्षति कम करने के लिए निर्धारित दर 3150 रुपये प्रति कुंतल से घटाकर 2150 रुपये प्रति कुंतल की दर से उप्र और 2350 रुपये प्रति कुंतल की दर से बीज को बिहार में बेचने का प्रस्ताव दिया गया। इसके बाद भी 40 किग्रा के दो कट्टे बीज के साथ एक कट्टा बीज मुफ्त योजना की स्वीकृति मांगी गई। फिर लगभग 83 हजार कुंतल बीज बेच दिया गया।
बाद में मामला उछला और परतें खुली तो करीब 16 करोड़ रुपये के गड़बड़झाले की बात सामने आई। मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी बाहरी एजेंसी से कराने की मांग उठ रही थी, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
टीडीसी के एमडी की जिम्मेदारी नीरज खैरवाल को
शासन ने अपर सचिव नीरज खैरवाल को तराई बीज विकास निगम (टीडीसी) के प्रबंध निदेशक और पंतनगर विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है। अभी तक यह दोनों दायित्व ज्योति नीरज खैरवाल के पास थे। उन्हें अब अपर सचिव निर्वाचन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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