शक्तिमान घोड़े की मूर्ति को रातों रात विधानसभा तिराहे से हटाया
बीती नौ जुलाई को विधानसभा तिराहे पर लगाई गई शक्तिमान घोड़े की मूर्ति को रातों-रात हटा दिया गया। इस संबंध में कोई भी अधिकारी बोलने से बच रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: करीब 56 घंटे पहले विधानसभा के नजदीक स्थित रिस्पना चौक पर लगाई गई पुलिस के घोड़े शक्तिमान की प्रतिमा रहस्यमय तरीके से आज सुबह 'गायब' हो गई। सुबह लोग सैर को निकले तो प्रतिमा नदारद देख दंग रह गए। किसी ने कहा कि प्रतिमा को चोर ले गए तो किसी ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रतिमा रातों-रात हटाई गई है।
तरह-तरह के कयासों के बीच पता चला कि मुख्यमंत्री के आदेश पर सुबह लगभग चार बजे पुलिस प्रतिमा को हटाकर पुलिस लाइन ले गई। हालांकि, फिलहाल एसएसपी से लेकर अन्य पुलिस अधिकारी तक मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
दरअसल, 9 जुलाई रात करीब आठ बजे रिस्पना चौक पर शक्तिमान की प्रतिमा स्थापित की गई थी। शक्तिमान सूबे की हालिया सियासत में खासा चर्चित रहा है। गत 14 मार्च को भाजपा के विधानसभा कूच के दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई थी। आरोप भाजपा विधायक गणेश जोशी पर है कि उनके डंडा मारने से ऐसा हुआ।
इसके बाद 18 मार्च को तो सियासी भूचाल ही आ गया। सुबह इस मामले में भाजपा विधायक गणेश जोशी की गिरफ्तारी हुई तो देर शाम विधानसभा में विनियोग विधेयक पारित कराने के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों ने बगावत कर दी। सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा और मामला हाई कोर्ट होता से हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस बीच शक्तिमान की 20 अप्रैल को मौत हो गई व पौने दो माह बाद सरकार भी वजूद में आ गई। साथ ही शक्तिमान पर सियासत और तेज हो गई।
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सरकार के आदेश पर 14 मार्च के घटनास्थल, यानी रिस्पना चौक पर 9 जुलाई की रात लगभग आठ बजे शक्तिमान की प्रतिमा को स्थापित किया गया। उधर, पुलिस लाइन में कल शक्तिमान की दूसरी प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री के हाथों होना था।
10 जुलाई की रात से आज सुबह के बीच के 56 घंटे में कुछ ऐसा हुआ, जो सभी को चकित कर गया। पुलिस लाइन में आज सुबह मुख्यमंत्री ने ऐन मौके पर शक्तिमान की प्रतिमा का अनावरण करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि 'इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। इन प्रतिमाओं का फैसला अगली सरकार पर छोड़ते हैं।
यह कहकर मुख्यमंत्री निकल तो गए पर उनके इस बयान के कई निहितार्थ चर्चा में रहे। कल सुबह दस बजे दिए गए बयान के 18 घंटे के भीतर आज सुबह करीब चार बजे रिस्पना चौक पर लगी प्रतिमा को हटा दिया गया।
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शक्तिमान की प्रतिमा पर फैसला अगली सरकार पर: सीएम हरीश रावत
राज्य की सियासत में भूचाल लाने वाले पुलिस के घोड़े शक्तिमान की प्रतिमा का पुलिस लाइन में अनावरण करने से मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन्कार कर हर किसी को चकित कर दिया। पुलिस ने पूरी तैयारी की हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक विवाद का मुद्दा बताकर पल्ला झाड़ लिया। कहा कि वे नहीं चाहते कि कोई विषय बेवजह राजनीतिक मुद्दा बने।
ये कहा सीएम ने
लोग ये न कहें कि मैं इस मामले पर राजनीति कर रहा हूं। इसलिए शक्तिमान की प्रतिमा का अनावरण का निर्णय आने वाली सरकार पर छोड़ दिया गया है। इसीलिए प्रतिमा वहां से हटवाई गई है।
...और इनकी भी हुई बोलती बंद
शक्तिमान की प्रतिमा हटाने के बाद सिर्फ पुलिस ही नहीं बल्कि लोक निर्माण विभाग और एमडीडीए की भी बोलती बंद हो गई। दरअसल, रिस्पना चौक पर प्रतिमा के लिए पिलर व चबूतरा बनाने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के पास थी व सौंदर्यीकरण की एमडीडीए के पास। निर्माण कार्य कराने में क्या खर्च आया, विभाग यह बताने को राजी नहीं।
हरिद्वार में बनाई गई थी प्रतिमा
प्रतिमा हरिद्वार के श्री जयराम आश्रम में बनी थी। इसके परमाध्यक्ष ने सरकार की अनुमति के बाद प्रतिमा बनवाई और दान दी। प्रतिमा एक हफ्ते पहले ही देहरादून लाई गई थी।
पुलिस लाइन में एंट्री बैन
हटाई गई प्रतिमा को लेकर मीडियाकर्मी पुलिस लाइन पहुंचने लगे तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसके तुरंत बाद ही वहां मीडिया व बाहरी लोगों की एंट्री बैन कर दी गई।
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