उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां बरकरार, भूस्खलन से एक और मौत
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। गंगा, अलकनंदा, काली, गोरी समेत अन्य नदियां कहीं चेतावनी रेखा तो कहीं खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। पिथौरागढ़ में एक की मौत हो गई है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में पहाड़ी पर हुए भूस्खलन के मलबे में दबकर एक बुजुर्ग की मौत हो गई। यही नहीं, लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। गंगा, अलकनंदा, काली, गोरी समेत अन्य नदियां कहीं चेतावनी रेखा तो कहीं खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
उधर, हल्द्वानी-चोरगलिया मार्ग पर बरसाती नाले के बहाव में एक पिकअप बह गई। उसमें सवार दो युवकों को पुलिस ने एक घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकालने में कामयाबी पाई। पिथौरागढ़ जिले में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा आने से बंद हो गए। वहीं, चारधाम यात्रा मार्गों पर बारिश का खलल बरकरार है।
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केदारनाथ, बदरीनाथ व गंगोत्री राजमार्ग बाधित चल रहे हैं, जबकि यमुनोत्री राजमार्ग करीब छह घंटे मलबा आने से बंद रहा। राज्य के पर्वतीय इलाकों में सौ से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं, जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में भी सूबे में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा का क्रम बना रहेगा।
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मुनस्यारी के तल्ला जौहार क्षेत्र के राया गांव निवासी लछम सिंह (60 वर्ष) की जंगल में हुए भूस्खलन के मलबे में दबकर मौत हो गई। दरअसल, लछम सिंह मवेशी चुगाने जंगल गया था, देर शाम जानवर तो लौट आए, मगर उनके न लौटने पर ग्रामीणों ने उनकी खोजबीन शुरू की। रात करीब 12 बजे लछम सिंह का शव मलबे में दबा पड़ा मिला। इस जगह भूस्खलन के चलते भारी मलबा आया हुआ है।
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नैनीताल जिले में कुमाऊं के पर्वतीय जिलों को जोडऩे वाले दोनों प्रमुख मार्ग नैनीताल हाईवे व भीमताल मार्ग पर भारी भूस्खलन से यातायात ठप है। हैड़ाखान मार्ग पर करीब 50 मीटर सड़क बह गई।
चारधाम यात्रा मार्गों के भारी बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन के कारण इनके खुलने व बंद होने का क्रम जारी है। इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्यभर में नदियों का वेग भी डरा रहा है। गंगा, अलकनंदा, नंदाकिनी, पिंडर, काली, गोरी, सरयू, शारदा नदियां उफान पर हैं।