चिंताजनकः गंगोत्री नेशनल पार्क में अंधी हो रहीं जंगली भेड़ें
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में जंगली भेड़ किसी अनजाने रोग की चपेट में आ रही हैं। इनकी आंखें बाहर लटकी रही हैं और उससे खून टपक रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में जंगली भेड़ यानी भरल (ब्लू शीप) अंधी हो रही हैं। किसी अनजाने रोग की चपेट में आ जाने से इनकी आंखें बाहर लटकी रही हैं और उनसे निरंतर खून भी टपक रहा है। जबकि दो भेड़ें मृत भी पाई गईं और इनकी आंखें भी बाहर लटकी हुई थीं।
गंभीर यह कि पार्क प्रशासन को इसकी जानकारी ही नहीं थी। वह तो शुक्र रहा कि कुछ दिन पहले ट्रैकिंग पर आए बीएसएफ के एक दल ने इसकी सूचना वन विभाग को दी और इसके बाद ही वनाधिकारी हरकत में आए। आनन-फानन में रोग से पीड़ित एक भेड़ का नमूना इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आइवीआरआइ) बरेली को भेजा गया।
साथ ही मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती ने आइवीआरआइ बरेली के निदेशक को पत्र भेजकर भरल को चपेट में लेने वाले रोग की गहन जांच का आग्रह किया। पत्र में आइवीआरआइ के एक विशेषज्ञ दल को गंगोत्री नेशनल पार्क भेजने की गुजारिश भी की गई है।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती के मुताबिक जो नमूना जांच के लिए आइवीआरआइ बरेली को भेजा गया था, उसमें आतों में इन्फेक्शन की बात सामने आई है। हालांकि आइवीआरआइ के पैथोलॉजी विभाग के प्रमुख राजेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने उस नमूने की जांच की जो वन विभाग से प्राप्त हुआ। स्पष्ट तौर पर तब ही कुछ कहा जा सकता है, जब पूरी भेड़ सामने हो और वह अपने मुताबिक नमूने ले सकें। क्योंकि यह मामला आंतों में इन्फेक्शन के साथ ही कुछ और भी हो सकता है।
यही वजह है कि बरेली सैंपल भेजने के बाद भी राज्य के वन विभाग ने भरल को चपेट में लेने वाले रोग की गहन जांच कराने का निर्णय लिया है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीबीएस खाती ने बताया कि भरल की आंखें बाहर निकलने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट को रोग का पता लगाने के लिए पत्र भेजा गया है। संबंध में अन्य किसी भी जांच के लिए राज्य की तरफ से बजट भी मुहैया कराया जाएगा।
असहाय हालत में मिले भरल
बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) के जिस दल ने भरल की आंखें बाहर निकलने की सूचना वन विभाग को दी, उस दल का नेतृत्व कर रहे असिस्टेंट कमांडेंट लवराज सिंह धर्मशक्तू के मुताबिक आंखें बाहर लटके जाने के कारण पीडि़त भरल को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और वह असहाय हालत में इधर-उधर गिरकर चोटिल भी हो रहे थे।
यह भी पढ़ें: कोटद्वार से कार्बेट पार्क में निजी वाहन से प्रवेश में छूट
यह भी पढ़ें: कॉर्बेट लैंडस्केप में सुधारे जाएंगे वन्यजीव वासस्थल, ग्रासलैंड होंगे विकसित
यह भी पढ़ें: अब साथ में थैला लेकर कॉर्बेट का भ्रमण करेंगे पर्यटक