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उत्‍तराखंड : राज्यसभा चुनाव में प्रदीप टम्टा विजयी

उत्तराखंड में राज्यसभा की रिक्त हो रही सीट के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने जीत दर्ज कर ली।

By sunil negiEdited By: Updated: Sun, 12 Jun 2016 06:30 AM (IST)
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देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में राज्यसभा की रिक्त हो रही सीट के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने जीत दर्ज कर ली। आज हुई मतदान प्रक्रिया में कांग्रेस के उम्मीदवार टम्टा को कुल 32 वोट प्राप्त हुए, जबकि भाजपा समर्थित व निर्दलीय प्रत्याशी अनिल गोयल के पक्ष में 26 वोट पड़े। मतगणना पूर्ण होने के बाद देर शाम रिटर्निंग आफीसर व विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप टम्टा को विजयी घोषित किया। गत रोज भाजपा विधायक दान सिंह भंडारी के इस्तीफे से रोचक हुए इस चुनावी मुकाबले को लेकर पूरे दिन राजनीतिक माहौल गरम रहा। कांग्रेसी खेमे में उत्साह तो चुनाव से ऐन पहले कुनबे में सेंध लगने से भाजपा सहमी नजर आई। हालांकि, पूर्व विधायक भंडारी ने इस मतदान प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। भाजपा की क्रॉस वोटिंग की रणनीति परवान नहीं चढ़ी।

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उत्तराखंड में राज्यसभा की उक्त सीट पर मौजूदा सांसद तरुण विजय का कार्यकाल आगामी चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। आज चुनावी मुकाबला जीतने के बाद अब इस सीट से निर्वाचित प्रदीप टम्टा राज्यसभा में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। हालांकि, उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में राज्यसभा चुनाव का यह पहला अवसर है, जब मात्र 58 विधायकों ने मतदान में भाग लिया। दरअसल, 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा के नौ कांग्रेसी विधायकों की सदस्यता दलबदल कानून के तहत पहले ही समाप्त की जा चुकी थी।

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इसके बाद गत दस मई को फ्लोर टेस्ट में क्रास वोटिंग करने वाले भाजपा विधायक भीमलाल आर्य व कांग्रेस विधायक रेखा आर्य को भी दलबदल कानून के तहत ही अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी। लिहाजा, इस चुनाव में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 59 विधायकों को करना था। कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा को चुनाव मैदान में उतारा। भाजपा ने पर्याप्त संख्याबल न होने के कारण अपना अधिकृत प्रत्याशी तो नहीं उतारा, मगर गीता ठाकुर व अनिल गोयल को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कराया था। बीते रोज गीता ठाकुर ने कांग्रेस में शामिल होकर प्रदीप टम्टा को समर्थन देने की घोषणा की।

बीती देर रात यह मुकाबला उस वक्त और भी रोचक हो गया, जब भीमताल से भाजपा विधायक दानसिंह भंडारी ने अपना इस्तीफा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को सौंप दिया। मतदान से चंद घंटे पूर्व कांग्रेस के इस सियासी दांव से भाजपा की रणनीति पूरी तरह बिखर कर रह गई। शनिवार सुबह नौ बजे मतदान प्रारंभ हुआ। सबसे पहले वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश ने वोट डाला। कांग्रेस के 26 विधायकों के साथ सहयोगी पीडीएफ के समस्त छह विधायकों ने भी कांग्रेस प्रत्याशी टम्टा के पक्ष में मतदान किया। उक्त सभी विधायकों ने कांग्रेस की अधिकृत प्रतिनिधि व मुख्य सचेतक इंदिरा हृदयेश को दिखाकर मतदान किया।

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वहीं, भाजपा की ओर से मतदान प्रक्रिया के लिए विधायक गणेश जोशी व पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत प्रतिनिधि बनाया गया था। सबसे आखिर में भाजपा विधायक आदेश चौहान ने मतदान किया। भाजपा के सभी 26 विधायकों ने निर्दलीय प्रत्याशी अनिल गोयल को वोट दिया, जबकि बीती रात इस्तीफा दे चुके दान सिंह भंडारी वोट डालने नहीं पहुंचे। शाम चार बजे मतदान का समय पूर्ण होने के बाद मतगणना प्रारंभ की गई। शाम पांच बजे निर्वाचन आयोग की हरी झंडी मिलने के बाद रिटर्निंग अफसर जगदीश चंद्र ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा के निर्वाचन की विधिवत घोषणा कर दी।

किसको कितने वोट मिले
-प्रदीप टम्टा (कांग्रेस)
कांग्रेस 26
बसपा 02
उक्रांद 01
निर्दलीय 03
-----------
कुल 32
-----------

अनिल गोयल(निर्दलीय)
भाजपा 26

'60 वर्ष बाद उत्तराखंड से एक दलित को राज्यसभा जाने का अवसर मिला, यह प्रदेश की जनता की जीत है। कर्मठ व अनुभवी सांसद रहे प्रदीप टम्टा राज्यसभा में प्रदेश हित के लिए आवाज बुलंद करेंगे। उत्तराखंड को दलबदल व खरीद फरोख्त का घाव देने वाली भाजपा ने एक बार फिर धनबल के आधार पर चुनाव की साजिश रची थी। उम्मीद है इन हालात से सबक लेकर केंद्र की भाजपानीत सरकार से राज्यहित में सहयोग करने की पहल करेगी।'
-हरीश रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

'मुझे जैसे आम कार्यकर्ता को देश के सर्वोच्च सदन में पहुंचाने के लिए प्रदेश की जनता का आभार। हमने जिस तरह से यह चुनाव फतह किया, 2017 में भी दलित व महिलाओं को धोखा देने वाली फासीवादी ताकतों को सबक सिखाएंगे। उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने समेत जल, जंगल व जमीन जैसे राज्यहित के मुद्दों को राज्यसभा में पुरजोर ढंग से उठाऊंगा।'
-प्रदीप टम्टा, कांग्रेस प्रत्याशी

'हमारे पास संख्याबल नहीं था। लिहाजा, निर्दलीय प्रत्याशी को वोट दिए। हमारे एक विधायक को पांच करोड़ का लालच दिया गया। बीती रात दानसिंह भंडारी के इस्तीफे से इसकी पुष्टि हो गई। स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार करने को रात 12 बजे विधानसभा खुलवाई। कांग्रेस ने संगठित रूप से खरीद फरोख्त की। दलबदल की यह परंपरा जो कांग्रेस ने डाली है, वो राज्यहित में नहीं है।'
-अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

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