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बिझौली में तीन ईंट भट्ठा सील, एक बंद मिला

जागरण संवाददाता, रुड़की: बंदी नोटिस के बाद भी पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का अनुपालन न करने वाले ईट भट्ठ

By Edited By: Updated: Wed, 04 Jan 2017 09:32 PM (IST)

जागरण संवाददाता, रुड़की: बंदी नोटिस के बाद भी पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का अनुपालन न करने वाले ईट भट्ठों के विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। पीसीबी की टीम ने प्रशासन के सहयोग से बिझौली स्थित तीन भट्ठों को सील कर दिया, जबकि एक भट्ठा बंद मिला। पीसीबी की कार्रवाई से भट्ठा संचालकों में हड़कंप रहा।

उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रुड़की स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम उल्लंघन मामले में 2014-2015 और 2015-2016 में ईंट भट्ठा समेत 76 औद्योगिक इकाइयों को बंदी नोटिस जारी किया था। इनमें से 40 इकाइयों ने अपनी व्यवस्थाएं ठीक कर ली, जिस पर उन्हें दोबारा संचालित करने की अनुमति दी गई। आठ मामले हाईकोर्ट और एनजीटी में विचाराधीन हैं। 14 उद्योगों ने पीसीबी क्षेत्रीय कार्यालय को इकाइयां स्थायी रूप से बंद करने की रिपोर्ट दी।

इधर, कोर्ट से जिला प्रशासन को आदेशित किया गया कि बोर्ड की ओर से 2014-15 और 2015-16 में जिन इकाइयों को बंदीकरण के नोटिस जारी किए गए थे, उनके विरुद्ध सी¨लग कार्रवाई करे। इस पर जिलाधिकारी ने पीसीबी क्षेत्रीय कार्यालय को इस कार्य के लिए अधिकृत किया। इस पर पीसीबी टीम ने दस भट्ठों और एक प्लास्टिक फैक्ट्री के विरुद्ध सी¨लग कार्रवाई शुरू की। मंगलवार को जहां छह भट्ठे और एक प्लास्टिक फैक्ट्री के विरुद्ध सी¨लग कार्रवाई हुई, वहीं बुधवार को टीम ने प्रशासन के सहयोग से बिझौली स्थित चार भट्टों के विरुद्ध कार्रवाई की। इनमें अकबर खान ब्रिक फील्ड स्थायी रूप से बंद मिला, जबकि सवेरा, इंडियन और आंचल ब्रिक फील्ड के कार्यालय सील कर दिए गए। इन्हें नई भराई न करने की भी सख्त हिदायत दी गई। पीसीबी की कार्रवाई से भट्ठा संचालकों में हड़कंप की स्थिति रही। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप जोशी ने बताया कि मानकों का पालन न करने पर तीन भट्ठे सील किए गए, जबकि एक भट्ठा बंद मिला। कार्रवाई की रिपोर्ट जिला प्रशासन को जल्द दी जाएगी।

14 उद्योगों का सत्यापन जल्द

वर्ष 2014-15 और 2015-16 में जिन उद्योगों को बंदी नोटिस जारी किए गए थे, उनमें से 14 ने स्थायी रूप से उद्योग बंद करने की रिपोर्ट दी है। धरातल पर ये उद्योग बंद हैं या नहीं इसका सत्यापन कराया जाएगा। यदि संचालित होता मिला तो इनके विरुद्ध भी सी¨लग कार्रवाई होगी। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप जोशी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के मानकों का उल्लंघन करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा।

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