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गंगा पर बनाए जा रहे बांध निरस्त करने से ही अविरल होगी गंगाः शंकराचार्य

ज्योतिष एंव द्वारका शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा तभी अविरल ओर निर्मल होगी जब गंगा पर बनाए जा रहे सभी बांध निरस्त होंगे।

By BhanuEdited By: Updated: Fri, 08 Apr 2016 02:56 PM (IST)

हरिद्वार। ज्योतिष एंव द्वारका शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा तभी अविरल ओर निर्मल होगी जब गंगा पर बनाए जा रहे सभी बांध निरस्त होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदि शंकराचार्य की जयंती पर उनके जन्मस्थान कलुड़ी में बने हवाई अड्डा का नाम शंकराचार्य के नाम पर रखे। साथ ही जहां उन्होंने जहां सन्यास लिया था उस गुरु गुफा को भी जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने केदारनाथ में जगतगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का भी जीर्णोद्धार करने की मांग केंद्र सरकार से की।
शंकराचार्य मठ में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि केदारनाथ में समाधिस्थल का जीर्णोद्धार करने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से बात की है। उन्होंने नव संवत्सर ओर नवरात्र के अवसर पर सनातनी पंचांग का विमोचन भी किया।
इसके साथ ही उन्होंने नवरात्र पर नौ दिन तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठान का भी विधिवत रूप से शुभारंभ किया। इस दौरान शंकराचार्य गंगा की दुर्दशा पर भी चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि गंगा तभी अविरल ओर निर्मल होगी जब गंगा पर बनाए जा रहे सभी बांध निरस्त होंगे।
उन्होंने कहा कि अर्द्धकुंभ जैसे पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने लायक भी जल नही है। आज गंगा पराधीन हो गई है। गंगा देश के लिए पहले एक उदाहरण है। जो अब समाप्त होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उत्तराखंड से ही गंगा को अविरल ओर निर्मल करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वार्थवश तथाकथित शंकराचार्य सनातन धर्म के परे काम कर रहे हैं। वे हाई कोर्ट का भी फैसला न मानकर कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर रहे है। इस तरह फैसला ना मानने से देश में शंकराचार्यों को लेकर भ्रम की स्थिति उत्तपन्न होती है। तथाकथित शंकराचार्यो को काशी विद्वत परिषद ने भी शंकरचार्य मानने से इन्कार कर दिया है।
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