योग धर्म या संप्रदाय का नहीं, स्वस्थ जीवन की है शैली; चिदानंद मुनि
हरिद्वार जिले के परमार्थ निकेतन में योग सीखने के लिए ईरान का दस सदस्यीय दल पहुंचा है। स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने उन्हें योग के साथ ही पर्यावरण का महत्व समझाया।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: ईरान से दस सदस्यीय साधकों का एक दल ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचा। इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि सरस्वती ने साधकों को योग की दीक्षा देने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संकल्प दिलाया।
आश्रम पहुंचे दल और अन्य साधकों को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। कहा कि योग किसी धर्म या संप्रदाय का नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन की शैली है। पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देते हुए स्वामी चिदानंद ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पेड़ और पौधों को भी देवताओं का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में प्रदूषण की पूरे विश्व की समस्या है, क्योंकि प्रदूषण के कारण वायु, जल, जंगल और जमीन सभी प्रभावित हो रहे हैं। इस दौरान उन्होंने वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी करा साधकों को स्वच्छता का संकल्प भी दिलाया। दल में शामिल मासूद तोशिफियान और आजम सरलाक ने कहा कि वे लोग आश्रम में तीन योग और ध्यान करेंगे।
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