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महिलाएं शनि की पूजा करेंगी तो बढ़ जाएंगी दुष्‍कर्म की घटनाएं: शंकराचार्य

ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महिलाएं यदि शनि की पूजा करती हैं तो उनके साथ दुष्‍कर्म की घटनाएं बढ़ जाएंगी। शनि और साईं दोनों भगवान नहीं हैं।

By sunil negiEdited By: Updated: Tue, 12 Apr 2016 07:30 AM (IST)
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हरिद्वार। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि महिलाओं को शनि की पूजा नहीं करनी चाहिए। शनि की पूजा करने से महिलाओं को अत्याचार बढ़ेंगे, दुष्कर्म आदि की घटनाएं बढ़ेंगी।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को शनि मंदिर में प्रवेश करने को आंदोलन चलाने की बजाए देशभर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, दुष्कर्म और नशाखोरी आदि की घटनाओं की रोकथाम के लिए आंदोलन चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शनि और साईं दोनों ईशवर नहीं है, हिन्दू मंदिरों में साईं की प्रतिमा स्थापित करने पूजा करने से देश में दैविय प्रकोप बढ़ा है, महाराष्ट्र में सूखा भी इसी का परिणाम है।

उन्होंने हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित कर साईं की पूजा करने से मना करते हुए कहा कि यह हिन्दुओं और हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान है, इस पर रोक लगनी चाहिए। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि शिरडी में ही जहां साईं की कब्र है वहीं पर लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। यदि साईं में चमत्कार है तो वहां चमत्कार करके दिखाए।

हिन्दूओं को अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आज हर मंदिर में साईं की प्रतिमा रखकर हमारे देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है। हमारे मंत्रो, ग्रंथ, चालीसा आदि का भी उपहास उड़ाया जा रहा है। हर चालीसा ओर मंत्रों में साईं का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ना तो शनि ईश्वर है और ना ही साईं।

इसलिए दोनों की पूजा नहीं होनी चाहिए। यदि महिलाएं शनि की पूजा करेंगी तो महिलाओं पर अत्याचार बढ़ेंगे, दुष्कर्म आदि की घटनाएं होगी। इसलिए महिलाओं को इनकी पूजा न करके इनका विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं शंकराचार्य हूं हमारा काम व्यवस्था देना है विरोध करना नहीं।

पूछे जाने पर कहा कि मैं अपनी कही बातों से पीछे हटने वाला नहीं, भले ही मुझे जेल में क्यों न भेज दें। आरोप लगाया कि शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट की तरफ उन पर कई मुकदमें दर्ज कराए गए हैं, वे लोग उन्हें जेल भेजना चाहते हैं, पर मेरा जेल में यही व्यक्त्व रहेगा, मैं डरने वाला नहीं। शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट पर कोर्ट की कार्रवाई का डर दिखा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दिला उनसे जबरन अधर्म कराया गया है। इस मौके पर शंकराचार्य मठ के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ओर रामानंद ब्रह्मचारी भी मौजूद थे।

गायत्री मंत्र को बिगाड़ने का आरोप लगाया
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि साईं बाबा की पूजने वाले लोगों ने हिन्दुओं के गायत्री मंत्र को बिगाड़ दिया है, 'धियो यो न प्रचोदयात' की जगह 'धियो साईं प्रचोदयात' कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह हिन्दुओं और हिन्दु धर्म पर अत्याचार है, ठेस है, इसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, इस पर रोक लगानी चाहिए।

मस्जिदों में भी महिलाओं के प्रवेश की अनुमति नहीं, क्यों नहीं होता आंदोलन
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि मस्जिदों में भी महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है, उस पर कोई आंदोलन क्यों नहीं होता, कोई सरकारी और न्यायिक व्यवस्था उस पर कोई कानून क्यों नहीं बनाती। सिर्फ हिन्दुओं को ही निशाने पर क्यों रखा जाता है। उन्होंने कहा कि सभी धर्म की अपनी व्यवस्था है उसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार किसी को भी नहीं।
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