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उत्‍तराखंड में बाघ और तेंदुए में तगड़ा कॉम्‍पटीशन, पढ़ें...

उत्‍तराखंड कार्बेट नेशनल पार्क में बाघ और राजाजी नेशनल पार्क में तेंदुए की संख्‍या बढ़ रही है। वन विभाग ने हाल ही में इसकी रिपोर्ट जारी की है।

By Thakur singh negi Edited By: Updated: Sun, 17 Jan 2016 02:40 PM (IST)

हरिद्वार। जिम कार्बेट नेशनल पार्क बाघों के संरक्षण के लिए खुद पर गुमान करता रहा है वहीं राजाजी पार्क तेंदुओं की कार्बेट से अधिक मौजूदगी को दर्ज कराकर अपना सीना गर्व से ताने है। बाघ और तेंदुओं की गिनती के बाद नतीजे भले ही बदल जाएं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि राजाजी पार्क में तेंदुओं की बढ़ोत्तरी तय है।
ऐसे में राजाजी तेंदुओं के मामले में जिम कार्बेट नेशनल पार्क की तरह खुद पर गुमान कर सकता है। देश और दुनिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघों की अच्छी मौजूदगी रही है। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से तुलना करें तो बाघों को शरण देने में यह पार्क जिम कार्बेट की तुलना में कहीं नहीं टिकता लेकिन इसी प्रजाति के यानि कैट फैमली के वन्यजीवों में शामिल तेंदुआ को लेकर राजाजी टाइगर रिजर्व ने मिसाल कायम की है। वन्यजीव प्रबंधन की महत्वपूर्ण कड़ी के तहत वन्यजीव गणना के पूर्व के आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं। तेंदुओं के मामले में प्रति दो वर्ष के हिसाब से जिम कार्बेट नेशनल पार्क से तुलना करें तो राजाजी उससे कहीं आगे है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में 2009 में 126, 2011 में 131 और 2013 में 136 तेंदुओं की मौजूदगी थी, जबकि राजाजी टाइगर रिजर्व में इन्हीं वर्षो में क्रमश: 303, 341 और 349 की तादाद दर्ज की गई थी। जाहिर है कार्बेट टाइगर रिजर्व की तुलना में राजाजी नेशनल पार्क में तेंदुओं की संख्या कहीं अधिक है। चूंकि, एक मई से वन्यजीव विशेषकर बाघ और तेंदुओं की गिनती हो रही है, ऐसी स्थिति में परिदृश्य कुछ बदल सकता है। लेकिन तेंदुओं की बहुलता राजाजी में बनी रहेगी। वन्य जीव विशेषज्ञ इस बात का दावा करते हैं।

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