उत्तराखंड सरकार को गिराने में पैसों की अहम भूमिका: शंकराचार्य
ज्योतिष एव द्वारिकाशारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को गिराने में पैसों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने साथ ही साथ नेताओं की बुद्धि विवेक से काम करने का संदेश दिया।
हरिद्वार। ज्योतिष एव द्वारिकाशारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को गिराने में पैसों की अहम भूमिका रही है। उन्होंने साथ ही साथ नेताओं को बुद्धि विवेक से काम करने का संदेश दिया।
राज्य के मौजूदा हालात पर आज शंकराचार्य ने बेबाक राय रखी। कहा कि इस सारे मसले के पीछे रुपयों का बहुत बड़ा हाथ है। कहा कि नेताओं को खुद से पहले जनता के बारे में सोचना चाहिए।
इस मौके पर उन्होंने आरक्षण को लेकर अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वे आरक्षण के विरोधी नहीं है। मगर आरक्षण जाति विशेष नहीं बल्कि योग्यता के नाम पर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलित समाज आरक्षण पर उनके बयान पर उनका पुतला फूंकना गलत है।
कुछ दिन पहले आरक्षण पर उनके दिए बयान की कई लोगों ने निंदा की थी। इसको लेकर ही उन्होंने अपना पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यदि एक अनपढ़ को आरक्षण देकर डॉक्टर बना दिया जाता है तो वह लोगों का इलाज कैसे कर पायेगा।
इस दौरान उन्होंने चुनाव में निर्वाचन आयोग की ओर से निर्धारित राशि पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरपंच बनने के लिए कई लाख रुपए का खर्च होता है ओर विधायक बनने के लिये कई करोड़ रुपये भी खर्च कर दिए जाते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। यह तभी होगा जब लोगों के अंदर नैतिकता आएगी।
शंकराचार्य ने कहा कि हम लोग पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर अपने धर्म से दूर होते जा रहे हैं। कहा कि धर्म की शिक्षा से ही लोगों के अंदर नैतिकता आएगी।
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