अब पता चलेगा कि कैसे हो रहा जलवायु परिवर्तन
देश के विभिन्न राज्यों में जलवायु परिवर्तन के चलते जल संसाधनों पर कैसा प्रभाव पड़ रहा है, इसके गहन अध्ययन की तैयारी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 21 Apr 2017 06:00 AM (IST)
रुड़की, [रीना डंडरियाल]: जलवायु परिवर्तन के चलते देश के विभिन्न राज्यों में जल संसाधनों पर कैसा प्रभाव पड़ रहा है, इसके गहन अध्ययन की तैयारी है। इसके तहत सभी राज्य कार्ययोजना तैयार कर रिपोर्ट केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय को सौंपेंगे। मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए केंद्र स्तर पर राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआइएच) रुड़की और नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड लैंड मैनेजमेंट (नीरीवॉल्म) तेजपुर (असोम) को नोडल एजेंसी बनाया है।
देश के सभी राज्यों में स्टेट स्पेसिफिक एक्शन प्लान (एसएसएपी) वाटर सेक्टर अंडर नेशनल वाटर मिशन प्रोजेक्ट के तहत सभी राज्यों में कार्ययोजना बनाई जानी है। इसमें अध्ययन किया जाएगा कि जलवायु परिवर्तन के कारण राज्यों में जल संसाधनों पर कितना और किस प्रकार का प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही राज्यों में शहर से गांव तक पेयजल की उपलब्धता, मांग, घरेलू उपयोग, सिंचाई, औद्योगिक इकाइयों की जरूरत आदि के आंकड़े जुटाकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। केंद्र की ओर से नियुक्त दोनों नोडल एजेंसियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये एजेंसियों राज्यों को दिशा-निर्देश देने के साथ ही निरीक्षण का कार्य भी करेंगी। राज्यों को धनराशि भी मंत्रालय की ओर से गठित इन नोडल एजेंसियों के माध्यम से ही दी जाएगी।
देश के बड़े राज्यों को कार्ययोजना के तहत रिपोर्ट तैयार करने के लिए मंत्रालय की ओर से 50 लाख और छोटे राज्यों को 30 लाख का बजट दिया जाएगा। राज्यों को तीन चरण में इस प्रोजेक्ट पर कार्य करना है। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के निदेशक राजदेव सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण कई राज्यों में कई प्रकार से विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।राजदेव सिंह के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत जलवायु परिवर्तन का जल संसाधनों पर वर्तमान और भविष्य के प्रभावों को लेकर गहन अध्ययन कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह तीन साल का प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट के लिए राज्यों के साथ समझौता किया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें प्रत्येक चरण में दिशा-निर्देशों को पूरा करने पर निर्धारित धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
एनआइएच को इन राज्यों की जिम्मेदारी
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