युवाओं को नपुंसक बना रही अश्लीलता: शंकराचार्य, पढ़ें खबर...
ज्योतिष एवं द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि फिल्मों एवं धारावाहिकों के माध्यम से परोसी जा रही अश्लीलता युवाओं को नपुंसक बना रही है। युवा वर्ग का नशे की गिरफ्त में जाना चिंता का विषय है।
हरिद्वार: ज्योतिष एवं द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि फिल्मों एवं धारावाहिकों के माध्यम से परोसी जा रही अश्लीलता युवाओं को नपुंसक बना रही है। युवा वर्ग का नशे की गिरफ्त में जाना चिंता का विषय है।
शंकराचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को देश की ताकत बताते हैं। उन्हें इस ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार की तरह पूरे देश में शराब पूरी तरह प्रतिबंधित होनी चाहिए। साथ ही देश में चल रहे नशे के कारोबार को भी बंद किया जाना बेहद जरूरी है।
गुरुवार को कनखल स्थित आश्रम में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि देश में पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। फिल्मों व धारावाहिकों में अश्लीलता और इंटरनेट के दुरुपयोग के कारण देश के युवाओं पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। पहले के समय में युवाओं को कई जानकारियां समय के अनुसार मिलती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज बच्चे हृष्ट-पुष्ट जन्म नहीं ले रहे और स्त्रियों का स्वास्थ्य भी खराब रहता है। इसके लिए मीडिया को जिम्मेदारी निभानी होगी। शंकराचार्य ने कहा कि आज स्कूलों में भी ड्रग्स बिकने की बात सामने आ रही है, जिस कारण युवा वर्ग तरह- तरह के नशे की गिरफ्त में है। ऐसे में देश बचाना है तो इससे पार पाना होगा। सरकारों को नशे पर लगाम लगानी होगी।
हरकी पैड़ी पर है गंगा
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हरकी पैड़ी पर गंगनहर होने संबंधी अपने बयान से पीछे हटते हुए कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा है, जबकि मायापुर से आगे गंगनहर। वे हरकी पैड़ी पर इसलिए गंगा स्नान नहीं करते, क्योंकि उन्हें किसी ने आमंत्रित नहीं किया। जबकि, पहले संस्थाएं व अन्य उन्हें आमंत्रित करते थे। साथ ही यह भी जोड़ा कि अगर वे हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करेंगे तो इसके लिए अलग से व्यवस्थाएं करनी पड़ेगीं। वे अकेले स्नान करते हैं, जिस कारण वहां स्नान कर रहे श्रद्धालुओं को हटाना पड़ेगा। इससे दिक्कतें होंगी। फिर हरकी पैड़ी पर गंगाजल भी कम है, जिस कारण वे नीलधारा में गंगा स्नान करते हैं।
तृप्ति देसाई कर रहीं महिलाओं का अपमान
भूमाता ब्रिगेड की संयोजक तृप्ति देसाई पर हमला होने के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि तृप्ति देसाई महिलाओं के अधिकारों की बात करती हैं, जबकि उनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के नाम पर तृप्ति देसाई उत्तेजना फैला रही हैं, जिससे महिलाओं का अपमान हो रहा है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि अधिकारों की बात करने वाली तृप्ति देसाई को राजनीति में जाना चाहिए।